उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में Vocational Education Training and Skill Ecosystem (VETS) लागू किया है, जिसमें छात्रों को रोजगारोन्मुखी कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- कॉलेजों में वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग एंड स्किलिंग ईकोसिस्टम लागू
- छात्रों के लिए बड़ा बदलाव: कॉलेजों में लागू होगा नया स्किलिंग सिस्टम!
- क्या नया स्किलिंग सिस्टम केवल छात्रों पर अतिरिक्त बोझ है?
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में Vocational Education Training and Skill Ecosystem (VETS) लागू करने का निर्णय लिया है। इस नई प्रणाली का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रोजगार परक कौशल सिखाना और उन्हें विभिन्न उद्योगों के लिए तैयार करना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस संबंध में एक विस्तृत एसओपी जारी की है, जो कॉलेजों में इसे लागू करने के दिशा-निर्देश प्रदान करती है।
VETS ईकोसिस्टम को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें फ्रेश स्किलिंग, अप स्किलिंग, और री-स्किलिंग शामिल हैं। फ्रेश स्किलिंग को भी दो उप-श्रेणियों में बांटा गया है—शार्ट टर्म ट्रेनिंग और लॉन्ग टर्म ट्रेनिंग। शार्ट टर्म ट्रेनिंग एक वर्ष से कम अवधि की होगी, जिसमें 1200 घंटे की ट्रेनिंग शामिल होगी। लॉन्ग टर्म ट्रेनिंग एक वर्ष या उससे अधिक की होगी, जिसमें 1200 नोशनल लर्निंग ऑवर का लक्ष्य रखा गया है।
VETS Ecosystem : कॉलेजों में लागू हुआ ये New बदलाव, छात्र तैयार रहें!
यूजीसी ने सात विभिन्न प्रकार के स्किल कोर्सेस को संचालित करने के लिए एसओपी तैयार की है। इनमें मल्टी स्किल कोर्स, क्रॉस सेक्टरल स्किल कोर्सेस, और ट्रेडिशनल/हेरिटेज स्किल कोर्सेस प्रमुख हैं। ट्रेडिशनल और हेरिटेज स्किल कोर्सेस के तहत छात्रों को ऐसे कौशल सिखाए जाएंगे, जिनसे रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें।
वेट्स ईकोसिस्टम में लेक्चर, थ्योरी, असाइनमेंट, प्रैक्टिकल, इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क, ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग, और असेसमेंट जैसे विभिन्न मॉड्यूल्स शामिल किए जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग असेसमेंट एजेंसीज़ भी बनाई जाएंगी, जो छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन करेंगी। ये कोर्सेस यूनिवर्सिटी, कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी, और इंडियन नेशनल इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों में संचालित होंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में कई वोकेशनल कोर्सेस पहले से ही संचालित हो रहे हैं, लेकिन अब इनका श्रेणीकरण कर उन्हें और बेहतर बनाया जाएगा। फ्यूचर स्किल कोर्सेस के तहत छात्रों को भविष्य में उद्योगों में होने वाली मांग को देखते हुए तैयार किया जाएगा, जिसमें एआई-मशीन लर्निंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और एमएनसी बेस्ड स्किल कोर्सेस शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त, अप स्किलिंग और री-स्किलिंग के माध्यम से छात्रों के नॉलेज और योग्यता को भी बढ़ाया जाएगा। अप स्किलिंग के अंतर्गत छात्रों के नॉलेज को अपग्रेड करने के लिए अतिरिक्त कौशल सिखाए जाएंगे, जबकि री-स्किलिंग के माध्यम से छात्रों को वर्कप्लेस में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नई तकनीक और नवाचार सिखाए जाएंगे।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- वेट्स ईकोसिस्टम क्या है? वेट्स ईकोसिस्टम एक नई प्रणाली है जिसे उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में लागू किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों को रोजगारोन्मुखी कौशल प्रदान करना है।
- फ्रेश स्किलिंग में कौन-कौन सी ट्रेनिंग शामिल हैं? फ्रेश स्किलिंग में शार्ट टर्म ट्रेनिंग और लॉन्ग टर्म ट्रेनिंग शामिल हैं। शार्ट टर्म ट्रेनिंग 1200 घंटे की होती है जबकि लॉन्ग टर्म ट्रेनिंग एक वर्ष या उससे अधिक की होती है।
- यूजीसी द्वारा जारी एसओपी में कौन-कौन से कोर्सेस शामिल हैं? यूजीसी द्वारा जारी एसओपी में मल्टी स्किल कोर्स, क्रॉस सेक्टरल स्किल कोर्सेस, और ट्रेडिशनल/हेरिटेज स्किल कोर्सेस शामिल हैं।
- फ्यूचर स्किल कोर्सेस में क्या सिखाया जाएगा? फ्यूचर स्किल कोर्सेस में एआई-मशीन लर्निंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और एमएनसी बेस्ड स्किल कोर्सेस शामिल हैं, जो छात्रों को भविष्य में उद्योगों की मांग के अनुसार तैयार करेंगे।
- वेट्स ईकोसिस्टम के तहत कौन से मॉड्यूल्स शामिल हैं? वेट्स ईकोसिस्टम के तहत लेक्चर, थ्योरी, असाइनमेंट, प्रैक्टिकल, इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क, ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग, और असेसमेंट जैसे मॉड्यूल्स शामिल हैं।