Shravan festival 2024 के पांचवे आयोजन में, शास्त्रीय गायन, वादन, और नृत्य के माध्यम से भगवान महाकाल की स्तुति की जाएगी। इसमें राष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात कलाकार अपनी कला से महाकाल की आराधना करेंगे।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- श्रावण महोत्सव 2024 में शास्त्रीय संगीत से महाकाल की स्तुति
- महाकाल महोत्सव में बहेगी सुरों की गंगा, ध्वनियों से गूंजेगा उज्जैन!
- महाकालेश्वर मंदिर में संगीत और नृत्य से होगी देवता की पूजा—क्या यह सही तरीका है?
उज्जैन, 23 अगस्त 2024—इस वर्ष का श्रावण महोत्सव, जिसे “शिवसंभवम” 2024 के नाम से जाना जाता है, 19 वें अखिल भारतीय Shravan festival के रूप में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव का पांचवा आयोजन 24 अगस्त 2024, शनिवार को होने जा रहा है, जिसमें शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों से भगवान महाकाल की आराधना की जाएगी। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण श्री महाकालेश्वर मंदिर के निकट Mahakal महालोक स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह में आयोजित होगा, जहां शाम 7 बजे से यह कार्यक्रम आरंभ होगा।
इस Shravan festival में पुणे की प्रसिद्ध गायिका सुश्री सानिया पाटनकर शास्त्रीय गायन से अपनी प्रस्तुति देंगी। सानिया जी ने 6 वर्ष की आयु में ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी और जयपुर अतरौली घराने में 14 वर्षों तक डॉ. अश्विनी देशपाण्डे से प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके संगीत की गहराई को देखते हुए उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें केंद्रीय सरकार की छात्रवृत्ति और दूरदर्शन एवं आकाशवाणी की ‘ए’ ग्रेड कलाकार का दर्जा भी शामिल है।
दिल्ली के सुप्रसिद्ध तबला वादक श्री कुमार ऋषितोष और उनके साथियों का ‘ताल वाद्य कचेहरी’ नामक प्रस्तुति भी इस महोत्सव का हिस्सा होगी। इस प्रस्तुति में तबला, पखावज, और अन्य लोक वाद्यों के समन्वय से गणेश परण, शिव तांडव स्तोत्र, और अन्य पारंपरिक रचनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। यह एक अद्वितीय अनुभव होगा जिसमें शास्त्रीय संगीत की ध्वनियाँ और लय संवाद की आकर्षक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान, जो जयपुर घराने की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना हैं, अपने कथक नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी। उन्होंने पं. राजेंद्र प्रसाद आर्य से कथक नृत्य की शिक्षा प्राप्त की है और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने कला का प्रदर्शन किया है। उनकी प्रस्तुति के दौरान उनके नृत्य के हर एक भाव और मुद्राएँ महाकाल की आराधना में एक नया आयाम जोड़ेंगी।
यह महोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि यह कला और संस्कृति के संगम का प्रतीक भी है। इस कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत, वादन और नृत्य के माध्यम से Mahakal की स्तुति की जाएगी, जिससे दर्शकों को एक आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- श्रावण महोत्सव 2024 में कौन-कौन से कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे? श्रावण महोत्सव 2024 में पुणे की सुश्री सानिया पाटनकर शास्त्रीय गायन, दिल्ली के श्री कुमार ऋषितोष और उनके साथी ताल वाद्य कचेहरी, और उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगे।
- यह आयोजन कब और कहाँ होगा? यह आयोजन 24 अगस्त 2024, शनिवार को शाम 7 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर के निकट महाकाल महालोक स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह, उज्जैन में होगा।
- श्री कुमार ऋषितोष की ‘ताल वाद्य कचेहरी’ क्या है? ‘ताल वाद्य कचेहरी’ एक संगीत प्रस्तुति है जिसमें तबला, पखावज, और अन्य वाद्यों के माध्यम से गणेश परण, शिव तांडव स्तोत्र, और अन्य पारंपरिक रचनाएँ प्रस्तुत की जाती हैं।
- डॉ. अंजना चौहान कौन हैं? डॉ. अंजना चौहान जयपुर घराने की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना हैं, जिन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों से ख्याति प्राप्त की है।
- इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य क्या है? इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य शास्त्रीय संगीत, वादन, और नृत्य के माध्यम से भगवान महाकाल की स्तुति करना और कला एवं संस्कृति का प्रचार करना है।
इसे भी पढ़ें-Shri Mahakaleshwar Jyotirling- आज का श्रृंगार और भस्म आरती दर्शन – 28 जुलाई 2024
हिंदी में उज्जैन से जुड़ी खबरें सबसे पहले महाकालटाइम्स.कॉम पर पढ़ें.
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए MahakalTimes से जुड़े रहें।