Shravan Mahotsav 2024, की पंचम संध्या पर पुणे की सुश्री सानिया पाटनकर, नई दिल्ली के डॉ. कुमार ऋषितोष, और उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान की प्रस्तुतियों ने दी रात को शानदार रंग। भारतीय डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण और विरूपण मोहर का भी अनावरण।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- श्रावण महोत्सव 2024 में “शिवसम्भवम” के पंचम संध्या की भव्य प्रस्तुतियाँ
- “शिवसम्भवम” की पंचम संध्या: अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों ने मचाई धूम!
- क्या “शिवसम्भवम” की पंचम संध्या ने भारतीय कला को नई दिशा दी?
उज्जैन, 24 अगस्त 2024 – श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित 19वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2024 “Shivsambhavam” के पंचम संध्या में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस संध्या का मुख्य आकर्षण दीपप्रज्जवलन के बाद पुणे की सुश्री सानिया पाटनकर के शास्त्रीय गायन, नई दिल्ली के श्री कुमार ऋषितोष एवं उनके समूह द्वारा ताल वाद्य कचहरी, और उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुतियां रही।
भारतीय डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण और विरूपण मोहर का अनावरण
इस विशेष अवसर पर भारतीय डाक विभाग द्वारा Shravan Mahotsav 2024 पर एक विशेष आवरण और विरूपण मोहर का अनावरण भी किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण में मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री प्रीति अग्रवाल, पोस्टमॉस्टर जनरल इंदौर परिक्षेत्र, श्री एस. के. ठाकरे, प्रवर अधीक्षक डाक मालवा संभाग, उज्जैन, श्री प्रवीण श्रीवास्तव, सहायक निदेशक इंदौर परिक्षेत्र के साथ उज्जैन महापौर श्री मुकेश टटवाल, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़, और अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
पंचम संध्या की प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन से की गई। इस दौरान अतिथियों द्वारा श्रावण महोत्सव 2024 पर विशेष आवरण और विरूपण मोहर का अनावरण किया गया। यह विशेष आवरण केवल आज के दिन के लिए जारी किया गया, जिससे यह घटना और भी ऐतिहासिक बन गई।
कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति पुणे की सुश्री सानिया पाटनकर द्वारा शास्त्रीय गायन की रही। उन्होंने राग शंकरा में विलंबित लय में “अनहत नाद” से शुरुआत की, इसके बाद दृत लय एक ताल में “शंकर महादेव” और अन्य भजन प्रस्तुत किए। हारमोनियम पर श्री विवेक जैन और तबला पर श्री गंधार राजहंस ने उनका साथ दिया।
इसके बाद, नई दिल्ली के तबला वादक डॉ. कुमार ऋषितोष ने ‘ताल वाद्य कचहरी’ (पंच महानाद) की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में मनोज सोलंकी द्वारा पखावज, राजीव रंजन द्वारा ढोलक, और मास्टर प्रिशु द्वारा तबला पर विशिष्ट रचनाओं की प्रस्तुति की गई।
महोत्सव की अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान द्वारा की गई। उन्होंने शिव स्तुति और शुद्ध कथक की पारंपरिक प्रस्तुति दी, जिसमें ठाट, आमद, परन, कवित्त, और तिहाईयाँ शामिल थीं। उनके साथ तबला पर श्री शरद सूर्यवंशी, पखावज पर श्री ऐश्वर्य आर्य, सितार पर डॉ. विनीता माहुरकर, हारमोनियम व गायन पर श्री आस्तिक उपाध्याय, और पढंत पर सुश्री अदिति गहलोत ने संगत की।
इस भव्य सांस्कृतिक आयोजन के माध्यम से Shravan Mahotsav 2024 को और भी यादगार बना दिया गया, और विभिन्न कला रूपों के माध्यम से भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ।
सभी अतिथियों और कलाकारों का सम्मान
प्रस्तुतियों के बाद, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने सभी गणमान्य अतिथियों को दुपट्टा, प्रसाद और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके बाद, सभी कलाकारों और सहयोगी कलाकारों को भी दुपट्टा, प्रसाद और स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया गया। मंच संचालन श्री दीपक कोडापे ने किया, जिन्होंने इस सांस्कृतिक आयोजन को सफल और सुव्यवस्थित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महोत्सव की महत्ता और सांस्कृतिक प्रभाव
श्रावण महोत्सव 2024 का यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि का भी परिचायक था। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल स्थानीय सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कला और संस्कृति की छवि को भी सुदृढ़ करता है।
महोत्सव में प्रस्तुत विभिन्न सांस्कृतिक विधाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उन्हें भारतीय कला के गहरे और समृद्ध स्वरूप से परिचित कराया। इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ाते हैं बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता को भी प्रोत्साहित करते हैं।
आगामी आयोजनों की जानकारी
Shravan Mahotsav 2024 के इस पंचम संध्या ने भविष्य के आयोजनों के लिए एक मानक स्थापित किया है। आयोजकों ने अगले वर्षों में भी इस प्रकार के भव्य और विविधतापूर्ण कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है, जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेंगे।
इस तरह के आयोजनों से जुड़कर दर्शकों ने न केवल आनंदित किया बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को एक नई ऊँचाई पर पहुंचाने का अवसर भी प्राप्त किया।
श्रावण महोत्सव 2024 “Shivsambhavam” के पंचम संध्या का यह आयोजन एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उपलब्धि के रूप में दर्ज किया जाएगा। इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि भारतीय सांस्कृतिक परंपराएं जीवंत हैं और उन्हें समय-समय पर इस तरह के आयोजनों के माध्यम से उत्साहित किया जाता रहेगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- श्रावण महोत्सव 2024 के पंचम संध्या में कौन-कौन सी प्रस्तुतियाँ हुईं? इस संध्या में पुणे की सुश्री सानिया पाटनकर द्वारा शास्त्रीय गायन, नई दिल्ली के डॉ. कुमार ऋषितोष द्वारा ‘ताल वाद्य कचहरी’, और उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुतियाँ हुईं।
- भारतीय डाक विभाग द्वारा किस विशेष अवसर पर क्या अनावरण किया गया? भारतीय डाक विभाग ने श्रावण महोत्सव 2024 के 19वें वर्ष पर एक विशेष आवरण और विरूपण मोहर का अनावरण किया।
- महोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ कैसे किया गया? कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से किया गया, जिसके बाद विशेष आवरण और विरूपण मोहर का अनावरण किया गया।
- मंच संचालन का कार्य कौन कर रहा था? मंच संचालन श्री दीपक कोडापे द्वारा किया गया।
- श्रावण महोत्सव 2024 की अंतिम प्रस्तुति किसके द्वारा दी गई? श्रावण महोत्सव 2024 की अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की डॉ. अंजना चौहान द्वारा दी गई।
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