Ujjain water crisis गंभीर डेम में पानी का स्तर पिछले साल की तुलना में बेहद कम है, जिससे जलसंकट का खतरा बढ़ गया है।
Ujjain water crisis गंभीर डेम में पानी की भारी कमी!
Ujjain water crisis गंभीर डेम में पानी की भारी कमी!

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. उज्जैन में जलसंकट का खतरा, गंभीर डेम में पानी की कमी
  2. गंभीर डेम में पानी का स्तर गिरा, उज्जैन में जलसंकट की चेतावनी!
  3. प्रशासन की लापरवाही से उज्जैन पर मंडराया जलसंकट का साया?

Ujjain शहर की जलप्रदाय व्यवस्था का मुख्य आधार, गंभीर डेम, इस साल पानी की कमी से जूझ रहा है। पिछले साल जहां यह डेम अपनी 2100 एमसीएफटी क्षमता से अधिक पानी संग्रहित कर चुका था, वहीं इस बार स्थिति काफी चिंताजनक है। अभी तक डेम केवल 499 एमसीएफटी पानी ही जमा कर पाया है, जो उसकी कुल क्षमता का एक छोटा हिस्सा है।

शहर में रोजाना 5 एमसीएफटी पानी की खपत होती है, और मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह जल भंडार मुश्किल से दो माह ही टिक सकेगा। अगर बारिश नहीं हुई, तो डेम पूरी तरह से खाली हो सकता है, जिससे पीने के पानी का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। नर्मदा का पानी शिप्रा में लाने का विकल्प महंगा साबित हो सकता है, जिससे प्रशासन को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ेगा।

Ujjain water crisis प्रशासन की अनदेखी से उज्जैन के गंभीर डेम में जलस्तर घटा, बड़ा जलसंकट संभव!

हाल के पांच दिनों में डेम के जलस्तर में केवल 4 एमसीएफटी की बढ़ोतरी हुई है, जो कि बहुत ही मामूली है। पिछले साल, इन्हीं दिनों में डेम में 143 एमसीएफटी पानी बढ़ा था। यह अंतर साफ तौर पर इस साल की सूखी स्थिति को दर्शाता है। अगर जलस्तर इसी तरह गिरता रहा, तो उज्जैन के निवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

प्रशासन को अभी से वैकल्पिक उपायों पर विचार करना चाहिए और पानी की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उज्जैन में एक बड़ी जल आपदा का सामना करना पड़ सकता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. इस साल गंभीर डेम में पानी का स्तर कितना है? इस साल गंभीर डेम में केवल 499 एमसीएफटी पानी है, जो कि पिछले साल की तुलना में बहुत कम है।
  2. उज्जैन में रोजाना कितनी पानी की खपत हो रही है? उज्जैन में रोजाना लगभग 5 एमसीएफटी पानी की खपत हो रही है।
  3. अगर बारिश नहीं हुई तो क्या होगा? अगर बारिश नहीं हुई तो डेम खाली हो जाएगा और शहर में पीने के पानी का संकट पैदा हो सकता है।
  4. नर्मदा का पानी शिप्रा में लाना महंगा क्यों पड़ेगा? नर्मदा से शिप्रा में पानी लाना एक महंगा विकल्प है, क्योंकि इसके लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों की आवश्यकता होती है।
  5. प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए? प्रशासन को अभी से वैकल्पिक जल स्रोतों की तैयारी करनी चाहिए और पानी की फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

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