उज्जैन के शासकीय प्राथमिक विद्यालय, कोठी महल के बच्चों ने सड़क चौड़ीकरण के चलते अपने Save our School के टूटने से बचाने के लिए कलेक्टर से मदद मांगी है। यह स्कूल विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के पास गांधी नगर के स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है।

बच्चों की मार्मिक अपील: 'कलेक्टर साहब, save our school! '
बच्चों की मार्मिक अपील: ‘कलेक्टर साहब, save our school! ’

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. सड़क चौड़ीकरण के कारण बच्चों ने कलेक्टर से मांगी मदद
  2. प्राथमिक विद्यालय तोड़े जाने पर बच्चों की कलेक्टर से गुहार: पढ़ाई का संकट
  3. कलेक्टर से मिलने पहुंचे नन्हे बच्चे: क्या सरकार उनकी सुनवाई करेगी?

उज्जैन के शासकीय प्राथमिक विद्यालय, कोठी महल के बच्चों ने सड़क चौड़ीकरण के कारण अपने स्कूल के टूटने से बचाने के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई है। यह विद्यालय विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित गांधी नगर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है। यहाँ पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों ने अपने स्कूल के तीन कक्षों को टूटने से बचाने के लिए कलेक्टर से मिलने का निर्णय लिया।

शासकीय प्राथमिक विद्यालय, कोठी महल का भवन कोठी महल के समीप से विक्रमनगर रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। इस मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है, जिसके चलते इस मार्ग पर आने वाले कृषि विभाग, महिला बाल एवं विकास विभाग, और शासकीय प्राथमिक विद्यालय सहित कई भवनों को तोड़ा जाएगा। इस परिसर में माध्यमिक विद्यालय भी स्थित है, लेकिन चौड़ीकरण की जद में केवल प्राथमिक विद्यालय आ रहा है।

यह विद्यालय तीन कक्षों का है, जहां कक्षा 1 से 5वीं तक करीब 40 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इनमें से 28 बच्चे गांधी नगर और समीप स्थित बस्ती से आते हैं। यहाँ दो शिक्षक और एक शिक्षिका पदस्थ हैं। अब इस विद्यालय को विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के पास गांधी नगर स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां दो शिक्षक और 19 बच्चे पहले से ही हैं। इस शिफ्टिंग के बाद वहाँ कुल पांच शिक्षक और 60 बच्चे हो जाएंगे।

बच्चों की मार्मिक अपील: ‘कलेक्टर साहब, Save Our School!’

कलेक्टर से मिलने आए पांच बच्चों में दो बालक और तीन बालिकाएं थीं। बातचीत में ऋषि, पारस, स्मिता और लक्ष्मी ने बताया कि वे कलेक्टर से मिलने आए हैं ताकि उनके स्कूल को टूटने से बचाया जा सके। बच्चों ने बताया कि एक अंकल ने उन्हें कलेक्टर के पास जाने के लिए प्रेरित किया ताकि उनका स्कूल न टूटे और वे यहीं पढ़ाई कर सकें। गांधी नगर का स्कूल उनके लिए दूर पड़ेगा।

इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन जिला परियोजना अधिकारी गिरीश तिवारी और बीआरसी संजय शर्मा से संपर्क नहीं हो सका। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है और उज्जैन डीपीसी गिरीश तिवारी प्राथमिक स्कूल के मामलों को देखते हैं।

सूत्रों के अनुसार, परिसर में स्थित माध्यमिक विद्यालय में दो पारियों में स्कूल लगाने से प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई जारी रह सकती है, लेकिन माध्यमिक विद्यालय के कुछ शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय के कुछ शिक्षक भी गांधी नगर में शिफ्ट होने का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें वहाँ रोजाना जाना पड़ेगा और पढ़ाना पड़ेगा। बच्चों ने भी बताया कि वर्तमान में पढ़ाई ठीक से शुरू नहीं हो पाई है और शिक्षक नियमित नहीं आते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. सड़क चौड़ीकरण के कारण कौन से विद्यालय प्रभावित हो रहे हैं? सड़क चौड़ीकरण के कारण उज्जैन के शासकीय प्राथमिक विद्यालय, कोठी महल सहित कृषि विभाग और महिला बाल विकास विभाग के भवन प्रभावित हो रहे हैं।
  2. बच्चे कलेक्टर से मिलने क्यों आए थे? बच्चे कलेक्टर से मिलने इसलिए आए थे ताकि उनके विद्यालय को टूटने से बचाया जा सके और उनकी पढ़ाई जारी रह सके।
  3. शासकीय प्राथमिक विद्यालय को कहां शिफ्ट किया जा रहा है? शासकीय प्राथमिक विद्यालय को विक्रम नगर रेलवे स्टेशन के पास स्थित गांधी नगर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है।
  4. विद्यालय शिफ्ट होने के बाद कितने बच्चे और शिक्षक होंगे? विद्यालय शिफ्ट होने के बाद कुल 60 बच्चे और पांच शिक्षक होंगे।
  5. बच्चों ने कलेक्टर से क्या अपील की? बच्चों ने कलेक्टर से अपील की कि उनके विद्यालय के कक्षों को टूटने से बचाया जाए ताकि वे वहीं पढ़ाई कर सकें।

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