भारतीय रेलवे ने उज्जैन सहित रतलाम मंडल के 18 स्टेशनों पर ‘One Station One Product’ योजना का सफलतापूर्वक प्रारंभ किया है। इस योजना का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और उनकी बिक्री को प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत 458 स्टॉल लगाए जा चुके हैं, जिनसे 79 लाख रुपये के उत्पाद बेचे गए हैं।

रातों-रात चमक उठे उज्जैन के रेलवे स्टेशन! ‘one station one product’ योजना से कैसे बदल रही हैं दुकानें!
रातों-रात चमक उठे उज्जैन के रेलवे स्टेशन! ‘one station one product’ योजना से कैसे बदल रही हैं दुकानें!

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. उज्जैन में ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ योजना का प्रारंभ: स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
  2. उज्जैन के रेलवे स्टेशनों पर धमाल! ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ योजना से मिलेंगे अनगिनत लोकल प्रोडक्ट्स
  3. क्या ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ योजना केवल एक प्रचार स्टंट है? जानिए इसके पीछे की सच्चाई

भारतीय रेलवे द्वारा उज्जैन और उसके आसपास के स्टेशनों पर ‘One Station One Product’ योजना का कार्यान्वयन किया गया है, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत, रतलाम मंडल के 18 स्टेशनों पर 15 दिवसीय पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत 25 मार्च, 2022 को की गई थी। इस पायलट प्रोजेक्ट को बढ़ाकर अब इसे और प्रभावशाली बनाने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक स्थानीय संगठन और समूह इससे लाभान्वित हो सकें।

जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, नागदा, चित्तौडग़ढ़, निम्बाहेड़ा, नीमच, दाहोद, सीहोर, मंदसौर, मक्सी, फतेहाबाद चंद्रावतिगंज, डॉ. अम्बेडकर नगर, लक्ष्मीबाई नगर, चंदेरिया, शुजालपुर, और जावरा स्टेशनों पर OSOP (One Station One Product) स्टॉल स्थापित किए जा चुके हैं। अब तक कुल 458 स्टॉल लगाए जा चुके हैं और इन स्टॉलों के माध्यम से लगभग ₹79 लाख मूल्य के 68 हजार से अधिक उत्पाद बेचे जा चुके हैं।

‘One Station One Product’ योजना के तहत भैरवगढ़ प्रिंट, जूट और लेदर उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, शहद, बेकरी उत्पाद, हर्बल टी, और अन्य स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए गए हैं। इस योजना के तहत, स्वयं सहायता समूह या स्थानीय संगठनों को स्टेशन पर दो महीने के लिए स्टॉल लगाने की अनुमति है। इसके लिए उन्हें केवल ₹1000 का रजिस्ट्रेशन शुल्क रेलवे प्रशासन को जमा करना होगा।

इसके साथ ही, पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल ने यात्रियों की भीड़ को समायोजित करने के लिए 6 स्पेशल ट्रेनों के फेरे बढ़ाने का निर्णय लिया है। चार ट्रेनों में अतिरिक्त जनरल कोच भी जोड़े जाएंगे, जिससे सामान्य श्रेणी के यात्रियों को और सुविधा मिलेगी। इन ट्रेनों के मार्ग, समय, और ठहराव में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

One Station One Product इस योजना और ट्रेन सेवाओं के विस्तार से रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों को एक नया मंच मिल रहा है और यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। यह योजना न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि यात्रा अनुभव को भी बेहतर बना रही है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ योजना क्या है? यह योजना भारतीय रेलवे की एक पहल है जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को रेलवे स्टेशनों पर प्रमोट करना है। इसके तहत विशेष स्टॉल लगाए जाते हैं जो स्थानीय उत्पादों को बेचते हैं।
  2. इस योजना के तहत कितने स्टॉल लगाए गए हैं? वर्तमान में इस योजना के तहत 458 स्टॉल लगाए गए हैं और इनमें विभिन्न प्रकार के स्थानीय उत्पाद बेचे जा रहे हैं।
  3. स्वयं सहायता समूह कैसे स्टॉल लगा सकते हैं? स्वयं सहायता समूह या स्थानीय संगठन अपने उत्पादों का विवरण देकर स्टेशन पर दो महीने के लिए स्टॉल लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें ₹1000 का रजिस्ट्रेशन शुल्क रेलवे प्रशासन को जमा करना होगा।
  4. फेरे बढ़ाने का निर्णय कब लिया गया? पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल ने यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को समायोजित करने के लिए 6 स्पेशल ट्रेनों के फेरे बढ़ाने का निर्णय लिया है और चार ट्रेनों में अतिरिक्त जनरल कोच लगाने का निर्णय भी लिया है।
  5. क्या ट्रेनों के मार्ग और समय में कोई परिवर्तन किया गया है? नहीं, ट्रेनों के मार्ग, समय, और ठहराव में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। केवल अतिरिक्त जनरल कोच जोड़े गए हैं और फेरे बढ़ाए गए हैं।

इसे भी पढ़ें-क्या Vikram University के शिक्षक सिर्फ तनख्वाह के लिए आते हैं? जानें कुलपति का क्या कहना है!

हिंदी में उज्जैन से जुड़ी खबरें सबसे पहले  महाकालटाइम्स.कॉम  पर पढ़ें.

अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए महाकालटाइम्स से जुड़े रहें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here