Mahakal Temple में सावन के चौथे सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई। श्रद्धालुओं ने मंदिर में शीघ्र दर्शन के लिए नए तरीकों का सहारा लिया, जिससे व्यवस्था में खलल पड़ा।

Mahakal temple में अप्रत्याशित भीड़ से ध्वस्त यातायात व्यवस्था
Mahakal temple में अप्रत्याशित भीड़ से ध्वस्त यातायात व्यवस्था

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें 

  1. सावन सोमवार: महाकाल मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, यातायात प्रभावित
  2. महाकाल मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति, कावड़ यात्रियों की भीड़ ने बिगाड़े हालात
  3. महाकालेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन का गोरखधंधा, 100 रुपये में मिल रहा है प्रवेश

उज्जैन के Mahakal Temple में सावन के चौथे सोमवार को भक्तों की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ पड़ी। हर साल सावन में भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं, लेकिन इस बार दो दिन के अवकाश के चलते श्रद्धालुओं की संख्या ने मंदिर प्रशासन को भी हैरान कर दिया। मंदिर के मानसरोवर धाम के सामान्य प्रवेश द्वार से लेकर गेट नंबर 4 तक, जो विशेष रूप से वीआईपी और कावड़ यात्रियों के लिए आरक्षित है, भक्तों की लंबी कतारें लग गईं।

Mahakal Temple के चारों ओर भीड़ बढ़ने के साथ-साथ यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड्स और पुलिसकर्मी भी इस भीड़ को संभालने में नाकामयाब नजर आए। भीड़ का आलम यह था कि महाकाल घाटी से हरसिद्धि चौराहे तक पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। इसी बीच, ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की भीड़ ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिससे नृसिंहघाट, कोट मोहल्ला और गुदरी चौराहे जैसे इलाकों में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई।

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महाकालेश्वर मंदिर में कावड़ यात्रियों को गेट नंबर 4 से प्रवेश दिया जा रहा है, जहां से उन्हें केवल 1 घंटे में दर्शन हो रहे हैं। वहीं, सामान्य श्रद्धालुओं को मानसरोवर गेट से होकर 3 से 4 घंटे में दर्शन मिल रहे हैं। इस लंबी प्रतीक्षा से बचने के लिए कुछ श्रद्धालु जल्द दर्शन पाने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। मंदिर के आसपास की दुकानों पर 100 रुपये में मिलने वाले जय महाकाल लिखे कुर्ते और टीशर्ट पहनकर कुछ लोग कावड़ यात्रियों के साथ वीआईपी गेट से प्रवेश कर भगवान के दर्शन कर रहे हैं।

इसने मंदिर प्रशासन के लिए नई चुनौती पैदा कर दी है। फूल प्रसाद और अन्य सामान बेचने वाले दुकानदारों ने इस जुगाड़ को बढ़ावा दिया है, जिससे मंदिर के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। अब यह देखना होगा कि मंदिर प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालता है और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. सावन के चौथे सोमवार को महाकाल मंदिर में इतनी भीड़ क्यों हुई?
    दो दिन के अवकाश के कारण देश भर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में उज्जैन पहुंचे, जिससे महाकाल मंदिर में भारी भीड़ हो गई।
  2. महाकाल मंदिर में दर्शन करने में कितना समय लग रहा है?
    सामान्य दर्शनार्थियों को 3 से 4 घंटे लग रहे हैं, जबकि कावड़ यात्रियों के लिए यह समय 1 घंटे का है।
  3. शीघ्र दर्शन के लिए 100 रुपये का कुर्ता-टीशर्ट कैसे काम कर रहा है?
    श्रद्धालु जय महाकाल लिखे कुर्ता-टीशर्ट पहनकर कावड़ यात्रियों के साथ गेट नंबर 4 से प्रवेश कर शीघ्र दर्शन कर रहे हैं।
  4. क्या मंदिर प्रशासन इस जुगाड़ से अवगत है?
    हां, मंदिर प्रशासन को इस स्थिति की जानकारी है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में दिक्कतें आ रही हैं।
  5. यातायात व्यवस्था क्यों ध्वस्त हो गई?
    मंदिर के चारों ओर भारी भीड़, ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की मौजूदगी ने यातायात व्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया।

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