Mahakal Sawari, उज्जैन में श्रावण-भादौ मास के छठे सोमवार को भगवान महाकाल छह अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देंगे। पालकी यात्रा में शहरभर के भक्त शामिल होंगे और यह आयोजन अद्वितीय धार्मिक अनुभव का हिस्सा बनेगा।
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इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- सोमवार को भगवान महाकाल देंगे छह स्वरूपों में दर्शन
- महाकाल के छह दिव्य रूप: उज्जैन में होगा अद्वितीय आयोजन!
- जन्माष्टमी पर महाकाल की सवारी: क्या हो रही है परंपराओं की अनदेखी?
उज्जैन: श्रावण-भादौ मास के छठे सोमवार को बाबा महाकाल अपनी पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस विशेष अवसर पर भगवान महाकाल छह स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे, जिससे पूरे उज्जैन नगर में एक दिव्यता का माहौल बनेगा।
आज, 26 अगस्त 2024 को, अपरांह 4 बजे भगवान महाकाल की पालकी का पूजन और अभिषेक कोटितीर्थ परिसर स्थित सभा मण्डप में किया जाएगा। इसके पश्चात, पालकी में चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में भगवान महाकाल को विराजित कर नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा। पालकी के साथ भगवान महाकाल के विभिन्न स्वरूप जैसे मन महेश (गजराज पर), शिव तांडव (गरूड़ रथ पर), उमा महेश (नंदी रथ पर), होल्कर स्टेट का मुखारविंद (डोल रथ पर), और घटाटोप मुखारविंद भी होंगे।
Mahakal Sawari सशस्त्र पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर
परंपरानुसार, जब पालकी को मुख्य द्वार पर लाया जाएगा, तब सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद, पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन के साथ बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी का मार्ग कोट मौहल्ला चौराहा, गुदरी, बक्षी बाजार, और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट तक जाएगा।
Mahakal Sawari रामघाट पर मां शिप्रा का पूजन और अभिषेक
रामघाट पहुंचने पर, परंपरानुसार मां शिप्रा का पूजन किया जाएगा और भगवान महाकाल का मां शिप्रा के जल से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद, पालकी पुनः मंदिर की ओर रवाना होगी।
Mahakal Sawari जन्माष्टमी का आलोकिक दृश्य
आज सोमवार को ही जन्माष्टमी का पर्व भी मनाया जाएगा। पालकी जब गोपाल मंदिर पहुंचेगी, तो तत्कालिन सिंधिया रियासत की ओर से गोपाल मंदिर पर पालकी का पूजन किया जाएगा। इस दौरान, भगवान महाकाल की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बधाईयां दी जाएगी। यह दृश्य निश्चित रूप से आलोकिक होगा और भक्तों के लिए अविस्मरणीय बनेगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- महाकाल की यह विशेष सवारी किस दिन निकाली जाएगी? यह सवारी 26 अगस्त, श्रावण-भादौ मास के छठे सोमवार को निकाली जाएगी।
- सवारी में भगवान महाकाल किन स्वरूपों में दर्शन देंगे? भगवान महाकाल छह स्वरूपों में दर्शन देंगे: चंद्रमौलेश्वर, मन महेश, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर स्टेट का मुखारविंद, और घटाटोप मुखारविंद।
- सवारी का प्रारंभ कहां से होगा और कौन-कौन से मार्ग से गुजरेगी? सवारी कोटितीर्थ परिसर से प्रारंभ होगी और कोट मौहल्ला चौराहा, गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी।
- रामघाट पर क्या अनुष्ठान किया जाएगा? रामघाट पर मां शिप्रा का पूजन किया जाएगा और शिप्रा नदी के जल से बाबा महाकाल का अभिषेक किया जाएगा।
- जन्माष्टमी के अवसर पर क्या विशेष होगा? जन्माष्टमी के अवसर पर जब पालकी गोपाल मंदिर पहुंचेगी, तब सिंधिया रियासत की ओर से उसका पूजन किया जाएगा और बाबा महाकाल की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी जाएंगी।
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