प्रशासन और नगर सरकार के बीच शीतयुद्ध के चलते एमआईसी सदस्य और पार्षदों ने Hariyali Amavasya की तैयारी को लेकर बुलाई गई बैठक से दूरी बना ली।

Hariyali Amavasya पर प्रशासन की बड़ी योजना, पर क्यों नाराज़ हैं एमआईसी सदस्य और पार्षद?
Hariyali Amavasya पर प्रशासन की बड़ी योजना, पर क्यों नाराज़ हैं एमआईसी सदस्य और पार्षद?

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. प्रशासन की बैठक से एमआईसी सदस्य और पार्षदों ने बनाई दूरी
  2. हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण को लेकर प्रशासन और नगर सरकार में तकरार
  3. प्रशासनिक बैठक में अनुपस्थित रहकर एमआईसी सदस्य और पार्षदों ने जताई नाराज़गी

उज्जैन के प्रशासन और नगर सरकार के बीच चल रहा शीतयुद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। Hariyali Amavasya के अवसर पर शहर में एक लाख पौधे लगाने की बड़ी योजना बनाई गई है। इसके लिए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कमान संभाली है। इस योजना को लेकर सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, और नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक शामिल हुए, लेकिन महापौर मुकेश टटवाल सहित एमआईसी के अधिकतर सदस्य और पार्षद अनुपस्थित रहे।

बैठक में उपस्थित न रहने के कारण MIC members और पार्षदों के बीच नाराजगी का माहौल बन गया है। एमआईसी सदस्य दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी और कैलाश प्रजापत ही बैठक में उपस्थित हो सके। सूत्रों के अनुसार, एमआईसी सदस्य और पार्षद पौधारोपण के इस नए अभियान से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि वार्डों में गड्ढे खोद दिए गए हैं और केवल पेड़ लगाना ही बाकी है, तो निगम प्रशासन द्वारा संसाधन क्यों नहीं उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इस नाराजगी का परिणाम एमआईसी की आगामी बैठकों में भी देखा जा सकता है। एमआईसी सदस्यों ने ग्रांड होटल के एक कमरे में रखे करोड़ों रुपए के सामान को लेकर भी सवाल उठाए हैं। यह मामला भी अब एमआईसी में चर्चा का विषय बन सकता है।

महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण की तैयारी के सिलसिले में बुलाई गई बैठक की सूचना उन्हें देरी से मिली, जिससे वह बैठक में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि पौधारोपण बहुत आवश्यक है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

शहर में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक लाख पौधे लगाने की योजना पर MIC members और पार्षदों की नाराजगी प्रशासन और नगर सरकार के बीच के तनाव को और बढ़ा रही है। एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी का कहना है कि हम कई दिनों से पौधारोपण की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन निगम के अधिकारी संसाधन और टीम उपलब्ध नहीं करा रहे। ऐसे में पौधारोपण कैसे किया जाए।

इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए यह स्पष्ट है कि उज्जैन प्रशासन और नगर सरकार के बीच का शीतयुद्ध हरियाली अमावस्या के पौधारोपण अभियान पर भी असर डाल सकता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. प्रशासन और नगर सरकार के बीच शीतयुद्ध क्यों चल रहा है? प्रशासन और नगर सरकार के बीच तनाव का कारण संसाधनों की कमी और प्रशासनिक निर्णयों को लेकर है, जो दोनों पक्षों के बीच संवाद की कमी को दर्शाता है।
  2. एमआईसी सदस्य और पार्षदों ने बैठक से किनारा क्यों किया? एमआईसी सदस्य और पार्षद पौधारोपण अभियान से खुश नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि निगम प्रशासन ने आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं।
  3. हरियाली अमावस्या पर कितने पौधे लगाए जाने की योजना है? हरियाली अमावस्या पर एक लाख पौधे लगाने की योजना है।
  4. बैठक में कौन-कौन शामिल थे? बैठक में विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, और नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक शामिल थे।
  5. महापौर ने बैठक में हिस्सा क्यों नहीं लिया? महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि उन्हें बैठक की सूचना देरी से मिली, इसलिए वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके।

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