समाजवादी पार्टी (SP) ने मंगलवार को एक कार्यकर्ता सम्मेलन में बदायूं लोकसभा सीट (Badaun Loksabha Seat) से शिवपाल सिंह यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव (Aditya Yadav) को उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया है। बड़ी बात ये है कि बदायूं से पार्टी ने शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के नाम का ही ऐलान किया है, अब ऐसे में अगर वह इस सीट को छोड़ते हैं, तो अखिलेश यादव की टेंशन और बढ़ जाएगी।
शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकारों से इसकी पुष्टि की। यहां चुनावी दौरे पर आये सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव से जब पत्रकारों ने पूछा कि चर्चा चल रही है कि आदित्य यादव बदायूं से चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा, “यहां बबराला सम्मेलन में तो प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने प्रस्ताव पारित कर दिया है और अब यह प्रस्ताव राष्ट्रीय नेतृत्व के पास जाएगा, राष्ट्रीय नेतृत्व की सहमति बननी चाहिए।”
इसके पहले उन्होंने कहा, “आज गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र के बबराला में ऐतिहासिक कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ है और इसी तरीके से बिसौली, बदायूं, सहसवान विधानसभा क्षेत्रों का सम्मेलन हो चुका है। जनता सपा को जिताने का मन बना चुकी है।”
क्या बोले धर्मेंद्र यादव?
इस बीच, पत्रकारों ने सम्मेलन में पहुंचे सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव से पूछा कि शिवपाल सिंह यादव ने मंच से कहा है कि यहां (बदायूं) आदित्य यादव चुनाव लड़ेंगे, तो जवाब में उन्होंने कहा, “पार्टी का जो भी फैसला होगा, मुझे तो और खुशी होगी।” हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘चाचा के लिए काम करने में थोड़ी हिचक रहती है, आदित्य के लिए और ज्यादा काम करेंगे।’’ धर्मेंद्र यादव ने एक सवाल के जवाब में आरोप लगाया कि 2019 में स्वाभाविक हार नहीं थी, बेईमानी से BJP जीती थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को BJP की संघमित्रा मौर्य ने पराजित किया था।
बदायूं में बदला जा चुका है उम्मीदवार
सपा ने बदायूं संसदीय क्षेत्र से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में उन्हें आजमगढ़ का उम्मीदवार घोषित किया गया, जहां वह 2022 में हुए उपचुनाव में भोजपुरी गायक और बीजेपी के दिनेश लाल यादव से पराजित हो गए थे। बदायूं में तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा और यहां 12 अप्रैल से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
इस समय, उत्तर प्रदेश में राजनीतिक घमासान का माहौल बढ़ रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के लिए चुनावी समय क्रियाशील हो रहा है। शिवपाल यादव के बेटे को उम्मीदवार बनाने की मांग और उसका प्रस्ताव पार्टी की विचारधारा के खिलाफ भी हो सकता है। इस चरम संघर्ष में, क्षेत्र के निवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सही उम्मीदवार का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।