Lok Sabha Elections 2024 Exit Poll,पांच प्रमुख उदाहरण जब एग्जिट पोल(Exit Poll) के नतीजे वास्तविक चुनाव परिणामों(Election Results) से भिन्न रहे। लोकसभा चुनावों के आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को है। 1 जून को ही शाम को एग्जिट पोल आएंगे। इससे अंदाजा मिल जाएगा कि इस बार केंद्र में किसी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में लोगों की करीब नजरें एगजिट पोल के नतीजों पर लगी हैं।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- सीधे और सरल: एग्जिट पोल क्या हमेशा सही साबित होते हैं? जानिए पांच उदाहरण
- सनसनीखेज: एग्जिट पोल के पांच बड़े फेल! आखिर क्यों चौंकाते हैं नतीजे?
- विवादास्पद: एग्जिट पोल पर भरोसा या धोखा? पांच बार फाइनल नतीजे निकले उलट
लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण की वोटिंग 1 जून को होगी, और उसी दिन शाम को Exit Poll के नतीजे आने वाले हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार केंद्र में किस गठबंधन की सरकार बनेगी। एग्जिट पोल से चुनाव आयोग के आधिकारिक ऐलान से पहले ही चुनाव के फाइनल नतीजों का कुछ अंदाजा मिल जाता है। लेकिन क्या एग्जिट पोल हमेशा सही साबित होते हैं? इसका जवाब है नहीं। आइए जानते हैं पांच प्रमुख उदाहरण जब एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक परिणामों से भिन्न निकले।
2004 के लोकसभा चुनाव: 2004 के लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत का अनुमान जताया था। उस समय, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद बीजेपी का आत्मविश्वास ऊंचा था। ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा हर जगह गूंज रहा था। एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 240-250 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान था। लेकिन जब फाइनल नतीजे आए, तो कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए ने सरकार बनाई और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव: 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को भारी बहुमत मिला। कुल 70 में से 67 सीटें AAP के खाते में गईं। हालांकि, किसी भी Exit Poll ने ऐसी शानदार जीत का संकेत नहीं दिया था। ज्यादातर एग्जिट पोल ने AAP को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया था।
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव: बिहार में 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में Exit Poll ने कांटे की टक्कर के संकेत दिए थे। एग्जिट पोल ने किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान नहीं जताया था। लेकिन फाइनल नतीजों में राजद-जदयू-कांग्रेस के महागठबंधन ने शानदार जीत हासिल की, जिसमें राजद सबसे बड़ा दल बनकर उभरा।
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव: नोटबंदी के बाद 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने का अनुमान जताया था। लेकिन फाइनल नतीजों ने सबको चौंका दिया। बीजेपी ने 300 से अधिक सीटें हासिल कीं। 2012 में 47 सीटें पाने वाली बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की।
2014 के लोकसभा चुनाव: 2014 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने लड़ा था। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। एग्जिट पोल ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को सबसे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया था, लेकिन एनडीए की भारी जीत का अंदाजा नहीं लगाया गया था। फाइनल रिजल्ट में एनडीए को 300 से अधिक सीटें मिलीं, और बीजेपी ने 272 से अधिक सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस केवल 44 सीटों पर सिमट गई।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- एग्जिट पोल क्या होते हैं?एग्जिट पोल वे सर्वेक्षण होते हैं जो मतदान केंद्रों से बाहर निकलने वाले मतदाताओं से पूछे जाते हैं कि उन्होंने किसे वोट दिया।
- क्या एग्जिट पोल हमेशा सही होते हैं?नहीं, कई बार एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक परिणामों से भिन्न होते हैं।
- 2004 के लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने क्या अनुमान जताया था?एग्जिट पोल ने एनडीए की जीत का अनुमान जताया था, लेकिन फाइनल नतीजों में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए ने सरकार बनाई।
- 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल और फाइनल नतीजों में क्या अंतर था?एग्जिट पोल ने AAP को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया था, जबकि फाइनल नतीजों में AAP ने 67 सीटें जीतीं।
- 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने क्या संकेत दिए थे?एग्जिट पोल ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी बनने का अनुमान जताया था, लेकिन फाइनल नतीजों में बीजेपी ने 300 से अधिक सीटें जीतीं।