Ujjain Mahakal Mandir में छिपा हुआ 550 साल पुराना रहस्य जानिए उसकी असली कहानी अब!
उज्जैन महाकाल मंदिर की अद्वितीय इतिहास की खोज में अद्भुत रोमांच और श्रद्धा की अनोखी कहानी को जानें, जहाँ 550 साल तक महाकाल लिंग को एक कुएं में छिपा रखा गया।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- उज्जैन महाकाल: 550 साल तक कुएं में छिपा रहा अनसुनी कहानी!
- आश्चर्यजनक खुलासा: पाँच सदी से अधिक समय तक कुएं में महाकाल शिवलिंग!
- क्या कुएं में महाकाल शिवलिंग की गोपनीयता जायज थी?
उज्जैन के समृद्ध विरासत में एक ऐसी कहानी बसी है, जो समय के रेत के पर्दे में छिपी हुई है, एक ऐसा किस्सा जिसमें रहस्य और भक्ति का संगम है। महाकाल मंदिर का इतिहास विशेष रूप से अद्वितीय है, जिसमें सम्पूर्ण श्रद्धालु जनता के लिए नये-नये रहस्य छिपे हुए हैं। सन् 1235 में, दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने महाकालेश्वर मंदिर को विनाश के कगार पर ले जाने की कोशिश की, लेकिन महाकाल ज्योतिर्लिंग को सुरक्षित रखने के लिए, उसे करीब 550 वर्षों तक एक कुएं में छिपा दिया गया।
इतिहास के संग, धरोहर के संग, उज्जैन के धरोहर में नवाचार का एक नया पृष्ठ जुड़ा है। इस सफलता का श्रेय उज्जैन के वीर श्रीमंत राणोजी राव सिंधिया को जाता है, जिन्होंने 1732 में मुगल साम्राज्य को परास्त कर उज्जैन में अपना शासन स्थापित किया। राणोजी महाराज ने महाकाल मंदिर को पुनः निर्माण किया, और महाकाल ज्योतिर्लिंग को दोबारा स्थापित किया, जिससे इस धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल को नई उम्मीद की रोशनी मिली।
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मराठा शूरवीर श्रीमंत राणोजी राव सिंधिया ने मुग़लों को पराजित कर अपना शासन 1732 में उज्जैन में स्थापित किया था। राणोजी महाराज ने श्री बाबा महाकाल ज्योतिर्लिंग को कोटि तीर्थ कुंड से निकाल,महाकाल मंदिर का पुनः निर्माण करवाया और महाकाल ज्योतिर्लिंग को मंदिर दोबारा स्थापित किया।
— Jyotiraditya M. Scindia (मोदी का परिवार) (@JM_Scindia) October 11, 2022
समय की धारा के साथ, भक्ति के संग, पुनः उज्जैन में अनेक सदी से अधिक का अंतराल होने के बाद, राणोजीराव सिंधिया के वंशज ने सिंहस्थ कुम्भ मेला की पुनर्स्थापना की। इस ऐतिहासिक पल को मनाते हुए, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया पर इस अद्भुत परंपरा को साझा किया।
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सिंधिया वंश की धरोहर सिर्फ शासन की नहीं, वह धार्मिक संस्कृति की गहरी श्रद्धा को भी प्रतिष्ठित करती है। जैसे-जैसे उज्जैन के महाकाल मंदिर की गहराईयों में गुमनामी से बहार आती है, वह धार्मिक विरासत की अद्वितीय बातों का परिचय करता है, जो समय के साथ बनी रहती है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- महाकाल मंदिर क्या है? महाकाल मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- क्या है महाकाल मंदिर का इतिहास? महाकाल मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है। इसके अंदर अनेक कथाएँ और इतिहासिक घटनाएँ समेटी गई हैं, जिनमें से कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- क्या है महाकाल मंदिर की विशेषता? महाकाल मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ पर एक विशेष शिवलिंग है, जिसे महाकाल ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। इसे भगवान शिव की प्रतिमा के रूप में पूजा जाता है।
- महाकाल मंदिर कितने समय के लिए खुला रहता है? महाकाल मंदिर दिन के अलग-अलग समयों पर खुलता और बंद होता है। सुबह 4 बजे से शुरू होकर रात्रि के लगभग 10 बजे तक खुला रहता है।
- महाकाल मंदिर के पास कैसे पहुंचा जा सकता है? उज्जैन शहर के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित महाकाल मंदिर बहुत ही सुलभीकरण है। शहर के विभिन्न हिस्सों से मंदिर तक टैक्सी, बस या ऑटोरिक्शा की सेवा उपलब्ध है।
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