शीना रानी कैसे बनीं Missile Rani? जानिए इनके दिमाग के पीछे छुपी रहस्यमयी यादें!
शीना रानी, जिन्हें “मिसाइल वुमेन” कहा जाता है, ने DRDO के अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी योगदानी और तकनीकी दक्षता को जानें, और उनके प्रमुख भूमिकाओं की परीक्षा करें।
शीना रानी, भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक अग्रणी मिसाइल वैज्ञानिक हैं। उन्होंने भारत को विशेष Agni-V मिसाइल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शीना रानी की बुद्धिमत्ता और टेक्नोलॉजी ने भारत की सुरक्षा को मजबूत किया है।
शीना रानी कैसे बनीं Missile Rani? जानिए इनके दिमाग के पीछे छुपी रहस्यमयी यादें!
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- शीना रानी: भारतीय रक्षा के आगे बढ़ते हुए अग्नि-5 मिसाइल के सफलता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका
- शीना रानी: अग्नि-5 मिसाइल की शानदार सफलता के पीछे उनकी शानदार योगदान!
- विवाद: शीना रानी के नेतृत्व में मिसाइल प्रोजेक्ट में उन्होंने क्या किया?
शीना रानी, जिन्हें “मिसाइल वुमेन” के रूप में जाना जाता है, भारतीय रक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में उभरी हैं, विशेषकर हाल ही में अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण के सफलता के संदर्भ में। रानी ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के भीतर एक टीम का नेतृत्व करके इस महत्वपूर्ण परियोजना में अपनी अद्वितीय नेतृत्व कौशल और तकनीकी ज्ञान का परिचय दिया।
उनकी रक्षा प्रौद्योगिकी क्षमता और नेतृत्व का यह महत्वपूर्ण परियोजना के सफलता में महत्वपूर्ण योगदान था। उनकी दिव्य यात्रा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से शुरू होकर डीआरडीओ तक के संवेदनशील क्षेत्र में ले आई।
उनके मार्गदर्शन में, हैदराबाद में स्थित एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL) में महत्वपूर्ण उन्नतियों को देखा गया, विशेषकर विभिन्न अग्नि वेरिएंट्स के विकास में। उनके संचालन में, ASL ने मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता का परिचय दिया और भारतीय रक्षा क्षेत्र में मजबूत निर्माण किया।
यहां तक कि चीन के लिए भी इससे एक महत्वपूर्ण चुनौती पैदा की गई है। 5,000 किलोमीटर तक की दूरी को निर्धारित करने वाली इस मिसाइल ने अपनी सीमाओं से भारत के लगभग सभी पड़ोसी देशों को कवर किया है। रानी के नेतृत्व में यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय रक्षा क्षेत्र में महिलाओं के संचालन की बढ़ती हुई भूमिका को दर्शाता है।
#WATCH | On the Agni-5 MIRV launch, former DRDO spokesperson Dr Ravi Gupta says, “It is a great day for our nation when the DRDO has launched the maiden flight of Divyastra…This is a great achievement. This provides the nation with a capability which very few nations in the… pic.twitter.com/GJRIP03ICE
— ANI (@ANI) March 12, 2024
लेकिन, तकनीकी उपलब्धियों के जश्न में, रानी के नेतृत्व में विवाद उठ खड़ा है। कुछ विवादकार डीआरडीओ में संसाधनों और प्राथमिकताओं के वितरण पर सवाल उठाते हैं, क्योंकि यह क्षेत्र क्योंकि स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञता के लिए एक साम्राज्य स्थापित कर सकता है और क्षेत्रीय स्तर पर हिंसा को बढ़ा सकता है।
एक साक्षात्कार में, रानी ने खुशी जाहिर की कि ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने पर उन्हें अत्यधिक संतुष्टि है, और उन्होंने कहा कि ये मिसाइलें देश की सीमा की रक्षा करती हैं।
समापन में, शीना रानी का यात्रा भारतीय रक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता और नवाचार की अथक प्रतिष्ठा को दर्शाती है। जबकि उनकी योगदानी और संदेश रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नया अनुसंधानी और इंजीनियरिंग पीढ़ी को प्रेरित कर रहा है।
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