Lok Sabha Elections 2024; चुनावी तैयारियों में BJP उम्मीदवार का धमाकेदार खुलासा: फुटपाथ पर बैठकर हल करेंगे आपकी समस्याएं
लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा ने दिल्ली की चांदनी चौक सीट के लिए प्रवीण खंडेलवाल को प्रत्याशी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने पर चांदनी चौक क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिकता होगी।
Lok Sabha Elections 2024; चुनावी तैयारियों में BJP उम्मीदवार का धमाकेदार खुलासा: फुटपाथ पर बैठकर हल करेंगे आपकी समस्याएं
भाजपा उम्मीदवार प्रवीण खंडेलवाल का दिल्ली में उत्साहित अभियान
राजनीतिक परिवार से संबंध
राजनीति में आने की क्या वजह रही? इस सवाल के जवाब में खंडेलवाल ने कहा कि राजनीति मेरे खून में है। मेरे परिवार का संबंध राजनीति से रहा है। मेरे चाचा सतीश चंद्र खंडेलवाल 1967 में पहली बार म्युनिसिपल काउंसिलर चुने गए थे। उसके बाद वह दिल्ली विधासभा के सदस्य चुने गए। मैंने बीजेपी के टिकट पर 2008 में चांदनी चौक से विधानसभा चुनाव लड़ा था। मैं राज्य बीजेपी इकाई का ट्रेजरर था। मैं भाजपा की कई तरह की गतिविधियों से जुड़ा रहा हूं।
चुनाव प्रचार: जनता के बीच
लोकसभा के इस चुनाव में क्या रहेगा प्रवीण खंडेलवाल का दिल?
इस चुनाव प्रचार में किन मसलों पर फोकस करेंगे? मेरे निर्वाचन क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं। तार बहुत नीचे लटक रहे हैं। सड़कें ठीक नहीं हैं। मेरी पहली प्राथमिकता इस पूरे इलाके का विकास होगा। उसके बाद मैं इस इलाके के ट्रैफिक सिस्टम पर ध्यान दूंगा। इसकी वजह यह है कि जाम की वजह से काफी समय और एनर्जी बर्बाद हो जाती है। मेरी तीसरी प्राथमिकता लोगों की सेवा होगी। मैंने तय किया है कि संसद का सदस्य बनने के बाद मैं घर के अंदर नहीं रहूंगा। मैं फुटपाथ पर बैठूंगा जहां लोगों को मेरे पास आने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
फिनटेक क्षेत्र: नया मुद्दा
फिनटेक कंपनियों की माँग: सरकार से नियमों की मांग
फिनटेक कंपनियों को नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने देश में टेक्नोलॉजी के मामले में इनोवेशन लाए हैं। सरकार ने भी इस सेक्टर की मदद की है। जहां तक पेटीएम के मामले की बात है तो कई दूसरी एजेंसियां उसके बिजनेस मॉडल की जांच कर रही हैं। दरअसल, फिनटेक के मामले में काफी पारदर्शिता की जरूरत है। आरबीआई ने पेमेंट्स बैंक के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, वे सही हैं। अगर पेटीएम ने गलत किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। यह दूसरी कंपनियों के लिए भी सबक है। उन्हें नियमों का पालन करना होगा।
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फिनटेक कंपनियों का भविष्य
पेटीएम पेमेंट्स बैंक बंद होने का असर नहीं पड़ेगा
पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सेवाएं बंद होने से पड़ने वाले असर के बारे में उन्होंने कहा कि ज्यादातर ट्रेडर्स दूसरे पेमेंट ऑप्शंस पर शिफ्ट हो गए हैं। इसलिए ट्रेडिंग कम्युनिटी पर इसका ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। हमारी सिर्फ यह चिंता है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक में डिपॉजिटर्स और अकाउंट होल्डर्स का पैसा सुरक्षित उन्हें वापस हो जाना चाहिए।
महत्वपूर्ण निर्देश
एमएसएमई पेमेंट नियम को अगले साल से लागू करने की गुजारिश
1 अप्रैल से एमएसएमई के लिए 45 दिन के पेमेंट के नियम के बारे में पूछने पर खंडेलवाल ने कहा कि मैंने इस बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की गुजारिश की है। हमारी मांग यह है कि इस नियम को एक साल बाद लागू किया जाना चाहिए। इसके लागू करने की तारीख बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2025 कर दी जानी चाहिए। यह कानून 2023 में बना था। सरकार पहले ही इस लागू करने के मामले में एक साल का वक्त दे चुकी है। यह ट्रेडिंग कम्युनिटी की गलती है कि उन्हें इस बारे में पता नहीं है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- प्रवीण खंडेलवाल ने किस पार्टी से चुनाव लड़ा है?प्रवीण खंडेलवाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से चुनाव लड़ रहे हैं।
- चुनावी प्रचार में उनका मुख्य ध्यान किस प्रकार के मुद्दों पर है?वे मुख्य रूप से इलाके के विकास, सड़कों की स्थिति, और लोगों की सेवा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
- पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बंद होने से क्या उनका प्रतिक्रिया है?उन्होंने बताया है कि ट्रेडर्स अब अन्य पेमेंट ऑप्शन्स का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बैंक के डिपॉजिटर्स और खाताधारकों की सुरक्षा की चिंता है।
- वह किस तारीख से एमएसएमई पेमेंट नियम की लागू होने की गुजारिश कर रहे हैं?उन्होंने 1 अप्रैल, 2025 को नियम की लागू होने की गुजारिश की है।
- प्रवीण खंडेलवाल के राजनीतिक परिवार से कौन-कौन सम्बंधित हैं?उनके चाचा सतीश चंद्र खंडेलवाल पहले म्युनिसिपल काउंसिलर और फिर दिल्ली विधासभा के सदस्य रहे हैं।
चुनावी दंगल में प्रवीण खंडेलवाल की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हो सकती है। उनके विचार और कार्यक्षेत्र को लेकर जनता की उम्मीदें बढ़ी हैं। उनकी रणनीति और कार्यक्रम चुनावी मैदान में अच्छे प्रभाव डाल सकते हैं। यही नहीं, उनका सरल और सकारात्मक अंदाज भाजपा को चुनावी जीत में मददगार साबित हो सकता है।
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