इस ऐलान के बाद, राजनीतिक क्षेत्र में जीवंतता और उत्साह की लहर उमड़ गई है। नए चेहरों के समाहार से, JDU ने चुनावी युद्ध में एक नया दिशा-निर्देश स्थापित किया है। हालांकि, इस फैसले में कुछ विवाद भी शामिल हैं, जबकि कुछ लोग चुनावी चयन पर सवाल उठा रहे हैं।
चुनावी मैदान में पार्टियों के विचारधारा और रणनीतिक उद्देश्यों के बीच एक महत्वपूर्ण संघर्ष देखने को मिलेगा। JDU द्वारा टिकट बाँटने के इस कदम से, बिहार की राजनीतिक मंच पर उत्साह और उत्तेजना की लहरें उठेंगी।
चुनावी युद्ध में अब नजरें उन उम्मीदवारों की ओर मुड़ेंगी, जिनका प्रतिष्ठान जनता के बीच कितना अच्छा है। विभिन्न जाति, धर्म और समुदायों को ध्यान में रखते हुए टिकटों का रणनीतिक वितरण, पार्टी के विभिन्न वोटर आधार को प्रसन्न करने के लिए है।
सीट |
नाम |
मुंगेर |
ललन सिंह |
बांका |
गिरधारी यादव |
सुपौल |
दिलेश्वर कामत |
मधेपुरा |
दिनेश चंद्र यादव |
जहानाबाद |
चंदेश्वर चंद्रवंशी |
शिवहर |
लवली आनंद |
सीतामढ़ी |
देवेश चंद्र ठाकुर |
वाल्मीकिनगर |
सुनील महतो |
पूर्णिया |
संतोष कुशवाहा |
किशनगंज |
मास्टर मुजाहिद आलम |
कटिहार |
दुलालचंद गोस्वामी |
गोपालगंज |
आलोक सुमन |
भागलपुर |
अजय मंडल |
नालंदा |
कौशलेंद्र कुमार |
झंझारपुर |
रामप्रीत मंडल |
सीवान |
विजय लक्ष्मी |
चुनावी महाभियोग में व्यापक चुनावी प्रचार की बातचीत और JDU के उम्मीदवारों की उपलब्धता का मामला होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार के चुनाव बिहार की राजनीतिक मंच पर गहरा प्रभाव डालेंगे और जनता के मतदाताओं के बीच बदलाव लाएंगे।