स्रोतों के अनुसार, इस मामले के लिए शुक्रवार को एक संभावित सुनवाई का आयोजन हो सकता है, जिससे केजरीवाल की कानूनी चुनौती के समाधान के लिए और देरी हो सकती है। केजरीवाल के केस को अगले दिन की सुनवाई के लिए नहीं शामिल किया गया, जिससे मामले की अत्याधिकता के बारे में सवाल उठने लगे।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उसके आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि ने सुप्रीम कोर्ट की ओर मुड़ा। एडी की टीम ने केजरीवाल को अपने मुख्यालय में ले जाया। यह घटना वही थी जब केजरीवाल की गिरफ्तारी से संबंधित विवाद हो रहा था और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट की दरवाजे पर दाखिल की गई याचिका को लेकर चर्चा हो रही थी।
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तारी के समय दिल्ली के मुख्यमंत्री को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पकड़ा था। यह मामला बहुत ही सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गया था, जबकि केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर कड़ा रुख अपनाया था।
एडी की तरफ से उसकी गिरफ्तारी के बाद, आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ मुड़ा। एडी की टीम ने केजरीवाल को उनके मुख्यालय ले जाया। इस घटना के पीछे विवाद होने के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर अपनी याचिका को लेकर चर्चा की थी।
इस मामले में हाईकोर्ट से केजरीवाल के हाल को लेकर अदालती कार्रवाई की उम्मीद है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर सियासी गतिविधियों में तेजी आई है, और इससे आम लोगों के बीच भी उत्तेजना फैली है। गिरफ्तारी के पीछे की वास्तविकता और कानूनी दृष्टिकोण से यह मामला गहरा है, और आगे की कार्रवाई में दिल्ली के राजनीतिक स्तर पर भी इसका प्रभाव हो सकता है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी ने दिल्ली में सियासी दालित में आग लगा दी है। इस घटना से जुड़े विवादों को लेकर हर कोने से चर्चा हो रही है और उसके परिणामों का इंतजार किया जा रहा है। इसी के साथ, सुप्रीम कोर्ट की इस निर्णय के बाद कानूनी दायरों में गतिविधियों की रफ़्तार तेज हो सकती है। इस घटना का सियासी दलों के बीच भी बड़ा प्रभाव हो सकता है, जिससे आने वाले समय में उनके बीच और भी जोरदार मुकाबला देखने को मिल सकता है।