Electoral Bonds: सैंटियागो मार्टिन की Future Gaming और Megha Engineering ने DMK को दिए सबसे अधिक पैसे

इलेक्टोरल बॉन्ड के संबंध में जारी जानकारी ने राजनीतिक पार्टियों के द्वारा प्राप्त धन के मामले में महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं, जिससे चर्चा और विवाद उत्पन्न हुआ है।

Electoral Bonds: सैंटियागो मार्टिन की Future Gaming और Megha Engineering ने DMK को दिए सबसे अधिक पैसे
Electoral Bonds: सैंटियागो मार्टिन की Future Gaming और Megha Engineering ने DMK को दिए सबसे अधिक पैसे

 इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. इलेक्टोरल बॉन्ड: फ्यूचर गेमिंग और मेघा इंजीनियरिंग ने DMK को दिए सबसे अधिक धन
  2. राजनीतिक झटका: भविष्य के खेलने वाले और मेघा इंजीनियरिंग के द्वारा DMK को धन देने का खुलासा!
  3. इलेक्टोरल बॉन्ड विवाद: चंदा जारी करने पर विवाद, सवाल उठते हैं राजनीतिक दानों की शीर्षता पर

 

भारतीय चुनाव आयोग ने 17 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड्स के संबंध में नई जानकारी जारी की। इस जानकारी के अनुसार, DMK को फ्यूचर गेमिंग और मेघा इंजीनियरिंग ने सबसे अधिक धन दिया। इस जानकारी का प्राप्तिकर्ता हर राजनीतिक दल की ओर से दान करने वालों की सूची से है। 11 मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों ने चंदा देने वालों की सूची जारी की है, जिसमें यह भी बताया गया है कि किस डोनर ने कितने पैसे दिए।

अन्य पार्टियों ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड की मूल्य और उसकी तारीख की जानकारी प्रदान की है। द्रविण मुनेत्र कड़गम (DMK), ADMK, SDF, JDS, AAP, SP, NCP, JDU जैसे राजनीतिक दलों ने दान देने वालों के नाम और उनकी दान की राशि का खुलासा किया है। ADMK को 6.05 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 5 करोड़ रुपये चेन्नई सुपर किंग्स से मिले। JDU को भारती एयरटेल से धन प्राप्त हुआ और JDS को मेघा इंजीनियरिंग (MEIL) से 50 करोड़ रुपये मिले।

जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को भारती ग्रुप से 50 लाख रुपये मिले और SDF को एलेंबिक फार्मा से 50 लाख रुपये मिले। MGP Goa को VM Salgaoncar से 55 लाख रुपये मिले और समाजवादी पार्टी (SP) को चंदा San Beverages, SK Traders और BS Traders से मिला। JDU को भारती एयरटेल और श्री सीमेंट से भी धन मिला। AAP को 3 करोड़ रुपये Bajaj Group से और 1 करोड़ रुपये के Torrent Pharmaceuticals से मिले।

इलेक्टोरल बॉन्ड्स के संबंध में नई जानकारी की जारी करने से राजनीतिक धन के क्षेत्र में पारदर्शिता की दिशा में एक कदम उठाया गया है। इस जानकारी को डिजिटल रूप में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से प्राप्त किया गया है और इसे ECI की वेबसाइट पर जारी किया गया है। ECI ने बताया कि राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के अनुसार, सीलबंद लिफाफे में इलेक्टोरल बॉन्ड्स के संबंध में जानकारी प्रदान की थी।

इसमें 12 अप्रैल, 2019 से पहले की डिटेल शामिल हैं, जबकि पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने 12 अप्रैल, 2019 के बाद के इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी जारी की थी।

पूछे जाने वाले प्रश्न 

  1. इलेक्टोरल बॉन्ड क्या होते हैं? इलेक्टोरल बॉन्ड एक वित्तीय उपकरण है जो राजनीतिक पार्टियों को अनामत रूप से धन देने की सुविधा प्रदान करता है। यह बॉन्ड केवल भारतीय नागरिकों के द्वारा खरीदा और दिया जा सकता है।
  2. इलेक्टोरल बॉन्ड का उद्देश्य क्या है? इलेक्टोरल बॉन्ड का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक दानों को पारदर्शी और गोपनीयता से करने का है, ताकि अधिकांश धन वास्तविक और कानूनी तरीके से प्राप्त हो सके।
  3. इलेक्टोरल बॉन्ड कैसे काम करते हैं? व्यक्ति या निकाय एक इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदते हैं और फिर इसे राजनीतिक पार्टी को देते हैं। पार्टी फिर इस बॉन्ड को अपने बैंक खाते में जमा करवाती है।
  4. इलेक्टोरल बॉन्ड के लाभ क्या हैं? इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से धन देने से यह सुनिश्चित होता है कि राजनीतिक दान खुले और पारदर्शी होते हैं, जिससे नकली और गैरकानूनी धन का प्रयोग नहीं होता।
  5. इलेक्टोरल बॉन्ड किसके लिए उपलब्ध हैं?  इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं और वे केवल निर्विकारी खरीदारी के लिए बैंकों से खरीद सकते हैं।

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