- सीकर में राजनीति का इतिहास: जाट बहुल क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला
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राजस्थान के सीकर ( Sikar) लोकसभा क्षेत्र ने लंबे समय से राजनीतिक रूप से सक्रियता दिखाई है। यह क्षेत्र जाट बहुल क्षेत्र है और यहां की राजनीति का इतिहास भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान से भरा हुआ है। स्वतंत्रता के बाद से, सीकर में कई पार्टियों ने अपनी छाप छोड़ी है।
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में रामराज्य पार्टी ने इस क्षेत्र में जीत दर्ज की थी। इसके बाद कांग्रेस के रामेश्वरलाल टांटियां ने 1957 और 1962 के चुनाव में यहां से लगातार दो बार जीत हासिल की। लेकिन 1967 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के गोपाल साबू ने जीत दर्ज की। 1971 में कांग्रेस ने वापसी की, लेकिन 1977 में जनता लहर में कांग्रेस यह सीट बचा नहीं पाई और भारतीय लोकदल के टिकट पर जगदीश प्रसाद ने जीत हासिल की।
हाल के चुनावों में, 2014 में सीकर में 60.2% मतदान हुआ जिसमें भाजपा ने 46.9% वोट प्राप्त किए और कांग्रेस ने 24.4% वोट हासिल किए। स्वामी सुमेधानंद सरस्वती भाजपा से चुनाव जीते और 4,99,428 वोट प्राप्त किए, जबकि कांग्रेस के प्रताप सिंह जाट ने 2,60,232 वोट हासिल किए।
2019 के चुनाव में भाजपा के स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने 7,72,104 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस के सुभाष महरिया को 4,74,948 वोट मिले। यह दर्शाता है कि सीकर की जाट बहुल राजनीति में भाजपा का प्रभाव अधिक है।
नाम |
पार्टी |
वोट |
विजेता पार्टी का वोट % |
जीत अंतर % |
सुमेधानंद सरस्वती |
भाजपा |
772,104 |
58.2% |
22.4% |