WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY MAY 28, एक ऐतिहासिक दिन माना जाता है, जब दो अमेरिकी बंदरों, Miss Baker और Miss Able, ने अंतरिक्ष में अपनी यात्रा(space travel) शुरू की। इस अनोखी मिशन में NASA ने उन्हें पृथ्वी से 500 किलोमीटर ऊपर भेजा था, जहां उन्हें जीरो ग्रेविटी में सामना करना पड़ा। इस यात्रा में बंदरों की सेहत पर असर हुआ था, लेकिन उन्हें सफलतापूर्वक धरती पर वापस लाया गया। इस मिशन से नासा को महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली, परंतु इसके साथ ही उसे अंतरिक्ष में जानवरों को परीक्षण करने पर भी नजर डालने का आरोप भी झेलना पड़ा।


इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. 28 मई का इतिहास: आज ही के दिन दो बंदरों ने की थी अंतरिक्ष की यात्रा
  2. 28 मई: जब दो बंदरों ने अंतरिक्ष में किया कमाल, जानें रोमांचक कहानी
  3. नासा का विवादित प्रयोग: अंतरिक्ष में भेजे गए बंदरों का सच

28 मई का दिन अंतरिक्ष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 28 मई 1959 को NASA ने दो बंदरों, मिस बेकर और मिस एबल, को अंतरिक्ष में भेजा। यह उस समय की एक बड़ी उपलब्धि थी और नासा के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। ये दोनों बंदर अंतरिक्ष में यात्रा कर सुरक्षित वापस लौटे थे। यह प्रयोग नासा के लिए सफलता का एक बड़ा प्रतीक बना।

इस यात्रा के दौरान, मिस एबल और मिस बेकर ने पृथ्वी से 500 किलोमीटर ऊपर जीरो ग्रेविटी में समय बिताया। हालांकि, वापसी के बाद मिस एबल की सर्जरी के दौरान मौत हो गई। दूसरी ओर, मिस बेकर स्वस्थ रहीं और उन्होंने अपनी 27 साल की औसत आयु पूरी की, 1984 तक जीवित रहीं। इस घटना से नासा को अपनी रिसर्च के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं, जो आगे चलकर मानव अंतरिक्ष यात्रा के लिए उपयोगी साबित हुईं।

मिस एबल और मिस बेकर की इस ऐतिहासिक यात्रा के बाद, अन्य बंदरों और जानवरों पर भी अंतरिक्ष में प्रयोग किए गए। उदाहरण के लिए, बंदर सैम पर जीरो ग्रेविटी का प्रयोग नहीं हुआ, उसे जीवित रखने के लिए एक विशेष कैप्सूल बनाया गया। इन सभी प्रयोगों ने मानव अंतरिक्ष यात्रा के मार्ग को प्रशस्त किया और 1961 में सोवियत संघ के यूरी गागरिन को अंतरिक्ष में भेजने का आधार तैयार किया।

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नेपाल में 240 साल से चली आ रही राजशाही का अंत

नेपाल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल का नजरिया आज, 28 मई को बदल गया। नेपाल की जनता ने 240 सालों तक चली आ रही राजशाही को समाप्त करने के लिए लगभग दस साल तक संघर्ष किया। एक दशक तक चले गृहयुद्ध के बाद, शाह राजवंश ने देश की सत्ता पर कब्जा किया। इसके बाद, माओवादी राष्ट्रीय राजनीति में शामिल हो गए। 28 मई 2008 को, नेपाल के वामपंथी दल को चुनाव में जीत मिली, जिससे नेपाल को गणराज्य घोषित किया गया और तत्कालीन राजा ज्ञानेंद्र को अपदस्थ किया गया।

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अटल बिहारी वाजपेयी को देना पड़ा था PM पद से इस्तीफा

भारतीय राजनीति के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण का जिक्र करते हैं, जब 1996 के चुनावों के बाद, 16 मई 1996 को, अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन बीजेपी को बहुमत प्राप्त नहीं होने के कारण, 28 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने पद से इस्तीफा देने से पहले लोकसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक यादगार भाषण दिया, जिसमें उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को देश के लिए एकीकृत राजनीतिक धर्म का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा, “सत्ता का खेल तो चलेगा, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए। इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।”

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28 मई को जन्मे व्यक्ति 28 मई को हुए निधन
1969 – प्रतिमा भौमिक – भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिज्ञ हैं। 2005 – गोपाल प्रसाद व्यास – भारत के प्रसिद्ध कवियों, लेखकों और साहित्यकारों में से एक।
1952 – पिनाकी चन्द्र घोष – भारत के प्रथम लोकपाल हैं। 1964 – महबूब ख़ान – भारतीय सिनेमा इतिहास के अग्रणी निर्माता-निर्देशक थे।
1940 – प्रयाग शुक्ल – हिन्दी के कवि, कला-समीक्षक, अनुवादक एवं कहानीकार हैं। 1954 – विजय सिंह पथिक – प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी।
1923 – एन. टी. रामाराव – प्रसिद्ध अभिनेता एवं तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक थे।
1921 – डी. वी. पलुस्कर – प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे।
1921 – महन्त अवैद्यनाथ – भारतीय राजनीतिज्ञ तथा गोरखनाथ मठ के भूतपूर्व पीठाधीश्वर थे।
1915 – गोपाल रामानुजम – भारतीय राजनीतिज्ञ, जानेमाने समाज सेवक और भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सह-संस्थापक थे।
1883 – वीर सावरकर – भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दार्शनिक और ओजस्वी वक़्ता।

 

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What happened today in history may 28 : नासा के दो बंदरों की अंतरिक्ष यात्रा की अद्भुत कहानी, इंसानों से पहले अंतरिक्ष में पहुंच चुके थे बंदर, आखिर वापसी के बाद उनका क्या हुआ? ,जानिए 28 मई का इतिहास
What happened today in history may 28 : नासा के दो बंदरों की अंतरिक्ष यात्रा की अद्भुत कहानी, इंसानों से पहले अंतरिक्ष में पहुंच चुके थे बंदर, आखिर वापसी के बाद उनका क्या हुआ? ,जानिए 28 मई का इतिहास

देश दुनिया के इतिहास में 28 मई  की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है 

1414- खिज्र खान ने दिल्ली की सल्तनत पर कब्जा किया और सैयद वंश के शासन की नींव रखी।

1431- जोन ऑफ आर्क पर फिर से पुरुषों के कपड़े पहनकर विधर्म की ओर लौटने का आरोप लगाया गया।

1830- अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन ने भारतीय निष्कासन अधिनियम पर हस्ताक्षर किए।

1863- दूसरी अश्वेत रेजिमेंट (54 मास) ने अमेरिकी गृहयुद्ध में लड़ने के लिए बोस्टन छोड़ दिया।

1892- सिएरा क्लब का गठन किया गया।

1923- फिल्मों में अपार सफलता हासिल करने के बाद एनटीआर ने राजनीति का रूख किया और तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। 

1929- पहली सर्व-रंगीन और सर्व-बातचीत वाली तस्वीर, “ऑन विद द शो” जारी की गई।

1934-कनाडा के ओंटारियो में ओलिवा और एल्जायर डिओन के यहां पांच बच्चों ने जन्म लिया।इतिहास में यह पहला मौका था जब एक साथ पैदा हुए यह पांचों बच्चे जीवित रहे। 

1936- एलन ट्यूरिंग ने अपना पेपर “ऑन कंप्यूटेबल नंबर्स” प्रकाशन के लिए प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने आधुनिक कंप्यूटरों के लिए काल्पनिक आधार निर्धारित किया।

1937-जर्मन ऑटोमोबाइल निर्माता, वोक्सवैगन की स्थापना की गई थी।

1952- ग्रीस की महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया गया।

1956- आइजनहावर ने एक कृषि विधेयक पर हस्ताक्षर किए जिससे सरकार को कृषि अधिशेष का भंडारण करने की अनुमति मिल गई।

1959 – दो अमेरिकी बंदरों ने अंतरिक्ष की सफल यात्रा की। 

1961 -मानव अधिकारों के संरक्षण और दुनिया को इनके बारे में जागरूक करने के इरादे से लंदन में एमनेस्टी इंटरनेशनल की स्थापना की गई। इसे 1977 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

1964- नासा ने पहली बार बॉयलरप्लेट अपोलो अंतरिक्ष यान के साथ सैटर्न I प्रक्षेपण यान का परीक्षण किया।

1967 -ब्रितानी नाविक सर फ्रांसिस चिटचेस्टर 65 साल की उम्र में अकेले नाव में दुनिया का चक्कर लगाकर घर पहुंचे।

1970 -ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का औपचारिक तौर पर विभाजन हुआ।

1989 -मारथाकवली डेविड भारत की पहली और विश्व की दूसरी महिला ईसाई पादरी बनीं। 

1996 -तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस्तीफा दिया। 

1996 -रूस चेचेन्या को अधिकतम स्वायत्तता देने पर सहमत हुआ। 

1998 -बलूचिस्तान की चगाई पहाड़ियों पर पाकिस्तान ने पाँच परमाणु परीक्षण किये, परमाणु परीक्षण के विरोध में सं.रा. अमेरिका ने पाकिस्तान के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाया.

1999- लियोनार्डो दा विंची की “द लास्ट सपर” को 22 साल की बहाली के बाद मिलान में प्रदर्शित किया गया।

1999 – बेंजामिन नेतान्याहू का संसद से इस्तीफ़ा, तुर्की में नयी गठबंधन सरकार का गठन.

2000 – भारत के राष्ट्रपति के. आर. नारायणन चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए छह दिनों की राजकीय यात्रा पर पेइचिंग पहुंचे.

2002 – नेपाल में फिर आपातकाल लगा.

2003- अब तक का पहला क्लोन घोड़ा प्राकृतिक प्रसव से पैदा हुआ था।

2008 – राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कार्यरत पाँच न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया।

2008-  विमान सेवा जेट एयरवेज को ‘मध्य एशिया सर्वश्रेष्ठ चरगो एयर लाइन्स’ का पुरस्कार मिला।

2008 – नेपाल में 240 वर्षों से चली आ रही राजशाही का अंत।

2008 – अमेरिका ने पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चार नेताओं पर वित्तीय प्रतिबंध लगाया। 

2016- हराम्बे गोरिल्ला को सिनसिनाटी चिड़ियाघर और बॉटनिकल गार्डन में उसके बाड़े के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

 

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पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. नासा ने किस दिन दो बंदरों को अंतरिक्ष में भेजा था?नासा ने 28 मई 1959 को दो बंदरों, मिस बेकर और मिस एबल, को अंतरिक्ष में भेजा था।
  2. अंतरिक्ष यात्रा के बाद मिस एबल का क्या हुआ?अंतरिक्ष यात्रा के बाद मिस एबल की सर्जरी के दौरान मौत हो गई थी।
  3. मिस बेकर कितने साल तक जीवित रहीं?मिस बेकर 1984 तक जीवित रहीं, उन्होंने अपनी 27 साल की औसत आयु पूरी की।
  4. बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने के बाद उनका क्या हुआ? बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने के बाद, उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के दौरान विभिन्न प्रयोगों के लिए जानकारी और डेटा लेने के लिए जिज्ञासुता किया गया। इसके बाद उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाया गया।
  5. क्या बंदरों के साथ यह प्रयोग नैतिक था? यह प्रयोग नैतिक विवादों को उत्पन्न करता है। कुछ लोग इसे नैतिकता के खिलाफ मानते हैं क्योंकि वे जानवरों के साथ ऐसे प्रयोग को अनुचित समझते हैं, जबकि दूसरे इसे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
  6. इस प्रयोग के बाद क्या नतीजे निकले? इस प्रयोग से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यात्रा के लिए महत्वपूर्ण डेटा और जानकारी प्राप्त हुई। यह उन्हें अंतरिक्ष के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है और भविष्य में की जाने वाली अंतरिक्ष यात्राओं के लिए महत्वपूर्ण अनुसंधान की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
  7. क्या बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने के बाद कोई संचारित परिणाम हुए? वैज्ञानिक अनुसंधानों के परिणाम के अलावा, इस प्रयोग से बंदरों के साथ अंतरिक्ष में संजीवनी प्रयोग भी किया गया था। यह प्रयोग मानव यात्रियों के लिए अंतरिक्ष यात्रा के लिए जानकारी प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  8. यह प्रयोग किस उद्देश्य के लिए किया गया था? इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में जीवन के लिए संभावित आपातकालिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना था। इससे हम अंतरिक्ष यात्रा की सुरक्षा के बारे में अधिक सीख सकते हैं और संभावित धमाकों या संघर्षों के लिए तैयार हो सकते हैं।
  9. बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने की प्रक्रिया में कौन-कौन सी चुनौतियाँ थीं? बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने की प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ थीं, जैसे कि उनके स्वास्थ्य की देखभाल, उनके आत्म-रक्षा के उपाय, और अंतरिक्ष में जीवन के लिए उपयुक्त वातावरण को बनाए रखने की जिम्मेदारी।
  10. अंतरिक्ष में बंदरों को क्यों भेजा गया?इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में जानकारी प्राप्त करना था। इससे वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी मिली और उन्होंने विभिन्न अनुसंधानों के लिए तकनीकी और साइंटिफिक डेटा जुटाया।
  11. इस प्रयोग से बंदरों को क्या सीख मिली? इस प्रयोग से बंदरों को अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं के बारे में जानकारी मिली और वे वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
  12. 28 मई 1959 की घटना से नासा को क्या फायदा हुआ?इस घटना से नासा को अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं, जो मानव अंतरिक्ष यात्रा के लिए उपयोगी साबित हुईं।
  13. 28 मई को इतिहास में अन्य कौन-कौन सी महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं?28 मई को खिज्र खान ने दिल्ली की सल्तनत पर कब्जा किया (1414), एंड्रयू जैक्सन ने भारतीय निष्कासन अधिनियम पर हस्ताक्षर किए (1830), और बलूचिस्तान में पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किए (1998)।

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