WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY MAY 22, Bachendri Pal ने भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बनाया जब उन्होंने First Indian Woman के रूप में Mount Everest को फतह किया। उनकी यात्रा में संघर्ष और साहस की कहानी एक महिला के समर्पण और प्रेरणा का परिचय देती है।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल की अद्वितीय उपलब्धि
- साहस की मिसाल: बर्फीले तूफान के बीच बछेंद्री पाल ने फतह किया माउंट एवरेस्ट!
- माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल का संघर्ष और सफलता की कहानी
भारत के इतिहास में 22 मई का दिन एक विशेष स्थान रखता है। यह वही दिन है जब पहली बार किसी भारतीय महिला ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाइयों पर तिरंगा लहराया था। 1984 में, बछेंद्री पाल ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर एक ऐतिहासिक कारनामा किया और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। इस महान उपलब्धि के लिए उन्हें पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किया गया।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना आसान नहीं था। Bachendri Pal को 7,000 मीटर की ऊंचाई पर एक भीषण बर्फीले तूफान का सामना करना पड़ा था। इस तूफान के कारण वहां का एक कैंप दब गया था, जिससे दल के कुछ साथी चोटिल हो गए और थकान के कारण वापस लौटने का निर्णय लिया। लेकिन बछेंद्री ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती रहीं। 22 मई को, आंग दोरजी के नेतृत्व में दल ने एवरेस्ट की चोटी को फतह किया, और बछेंद्री पाल ने इतिहास रच दिया। इस दल में वे अकेली महिला थीं।
बछेंद्री पाल की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने उन्हें भारत के इतिहास में हमेशा के लिए अमर कर दिया। उनके साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है। उन्होंने न सिर्फ माउंट एवरेस्ट को फतह किया बल्कि पर्वतारोहण और साहसिक खेलों के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान में से एक है।
बछेंद्री पाल की उपलब्धि न केवल भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं के साहस और आत्मविश्वास की एक महान मिसाल है। उनके इस कारनामे ने भारतीय महिलाओं के लिए नई राहें खोली हैं और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है।
1960: चिली में आए भूकंप में करीब 6 हजार लोगों की गई थी जान
1960- चिली के दक्षिणी तट पर आए सबसे बड़े भूकंपों में से एक में करीब 6 हजार लोगों की मौत हो गई थी. चिली के वाल्डिविया में 9.5 की तीव्रता के भूकंप ने धरती हिलाई थी. ये दुनिया का सबसे भयानक भूकंप था. करीब 20 लाख लोग विस्थापित हुए थे. 550 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.
1936: भारत के पहले स्टेडियम की बंबई में रखी गई आधारशिला
इस तारीख का महत्व भारत के क्रिकेट मैदानों से भी है. दरअसल 22 मई, 1936 में भारत के पहले क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला मुंबई में रखी गई थी. ब्रेबोर्न स्टेडियम पर क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया का स्वामित्व है. ये दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव के पास है. इसका नाम ब्रेबोर्न इसलिए है, क्योंकि इसकी आधारशिला मुंबई के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड ब्रेबोर्न ने रखी थी. यहां आधिकारिक तौर पर पहला उद्घाटन मैच सात दिसंबर, 1937 को सीसीआई इलेवन और लॉर्ड टेनीसन इलेवन के बीच खेला गया था.
वानखेडे के बाद कम हुआ महत्व
क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के साथ लगातार टिकट संबंधी विवादों के कारण बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन ने ब्रेबोर्न स्टेडियम से लगभग 700 मीटर की दूरी पर प्रसिद्ध वानखेड़े स्टेडियम का निर्माण किया. इसके बाद इस स्टेडियम की महत्व कम होता चला गया और इसका उपयोग केवल प्रथम श्रेणी के मैचों के लिए होने लगा.
देश दुनिया के इतिहास में 22 मई की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है
1500- पुर्तगाली नाविक पेड्रो अलवेयर कैब्राल ने ब्राजील की खोज की।
1540- शेरशाह ने मुगल साम्राज्य को अपने हाथों में लिया था
1545- एक विस्फोट में शेर शाह सूरी की मौत। 1540 में शेरशाह ने मुगल साम्राज्य को अपने हाथों में लिया था।
1570 – थियेट्रम आर्बिस टेर्राम नाम से पहला एटलस प्रकाशित हुआ, इसमें कुल 70 नक्शे थे।
1712 -सम्राट कैरेल छठी को हंगरी के राजा का ताज पहनाया गया।
1728 पेरियर डी मैरविक्स ”पेरिस में ले ट्रायमफे डे प्लूटस का उद्घाटन हुआ।
1735- जॉर्ज हेडली ने “ट्रेड विंड” का पहली व्याख्या प्रकाशित की।
1746 -रूस और ऑस्ट्रिया सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किये।
1762 -स्वीडन और प्रशिया ने शांति संधि पर हस्ताक्षर किये।
1769 मैडम डु बैरी किंग लुई XV की “आधिकारिक” मालकिन बनी।
1772 – प्रसिद्ध समाज सुधारक राजाराम मोहन राय का जन्म। इन्होंने ब्रह्म समाज आंदोलन की शुरुआत की और बालविवाह और सती प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
1792- अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने यूरोप के युद्ध में अमेरिकी तटस्थता की घोषणा की।
1793- जॉर्ज वॉशिंगटन ने तटस्थता घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
1805 – गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली ने एक आदेश के तहत दिल्ली के मुग़ल बादशाह के लिए एक स्थायी प्रावधान की व्यवस्था की।
1841-1841 में गुरिआ में विद्रोह: जॉर्जिया प्रांत गुरिया ने रूसी साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह आरम्भ किया।
1843- 700-1000 प्रवासियों के साथ पहली वैगन ट्रेन स्वतंत्रता ओरेगन को मिसौरी भेजा गया।
1855- विक्टोरिया के प्रांत को न्यूसाउथ वेल्स से प्रशासनिक रूप से अलग किया गया।
1884-थॉमस स्टीवंस ने दुनिया भर में पहली बाइक यात्रा शुरू की।
1892- डॉक्टर वाशिंगटन शेफ़्फ़िल्ड ने टूथपेस्ट के लिए ट्यूब का आविष्कार किया था।
1895-गोंगचे शंगशु आंदोलन: 603 उम्मीदवारों शिमोनोसेकि की संधि के खिलाफ एक 10,000 के शब्द की एक याचिका पर हस्ताक्षर किए।
1898-अमेरिकी राष्ट्रपति मैककिनले क्यूबा ने बंदरगाहों की नाकाबंदी का आदेश दिया।
1906- राइट बंधुओं ने अपने फ्लाइंग मशीन के लिए अमेरिका से पेटेंट पाया।
1915- प्रथम विश्व युद्ध: इटली लंदन संधि के अपने हिस्से को पूरा करने के लिए मित्र राष्ट्रों में शामिल हुए।
1921- स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश सेवा के लिए भारतीय सिविल सेवा की नौकरी से इस्तीफा दिया।
1933- विश्व व्यापार दिवस पहली बार मनाया गया।
1934- ऑटो-लाइट स्ट्राइक टोलेडो की लड़ाई समाप्त हो गई।
1936- लार्ड ब्रेबॉर्न ने बम्बई (अब मुंबई) में ब्रेबॉर्न स्टेडियम की नींव रखी। यह देश का पहला स्टेडियम था।
1939- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और इटली के बीच स्टील की संधि पर हस्ताक्षर।
1943- ब्रिटिश कमांडो ने एक ऑपरेशन फ़ैरियर में मैग्जेट के युगोस्लावियन द्वीप पर छापे मारे।
1948- यूएस कंसुल जनरल के थॉमस सी वासन की हत्या इजराइल के यरूशलेम में हुई।
1949- जर्मनी के संघीय गणराज्य के लिए मूल कानून घोषित किया गया।
1954- तत्कालीन सोवियत रूस यूनेस्को में शामिल हुआ।
1958- एडमिरल आर डी कटारी भारतीय नौसेना में पहले प्रमुख बने।
1960-चिली के दक्षिणी तट पर आए सबसे बड़े भूकंपों में से एक में 5,700 लोगों की मौत हो गई और इससे समुद्र में उठी उग्र लहरों ने सुदूर प्रशांत इलाकों जैसे जापान और हवाई तक में तबाही मचाई।
1963- भारत के पहले ग्लाइडर रोहिणी ने उड़ान भरी।
1970- पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं को बचाने और दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के लिए अमेरिका के लाखों लोगों ने पहली बार ‘पृथ्वी दिवस’ यानि ‘अर्थ डे’ मनाया।
1972-पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रमंडल की सदस्यता से त्यागपत्र।
1972-अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड एम निक्सन मास्को पहुंचे। यह एक अमेरिकी राष्ट्रपति की सोवियत संघ की पहली यात्रा थी।
1972 – पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रमंडल की सदस्यता से त्यागपत्र।
1977-आॅप्टिकल फाइबर को पहली बार टेलीफोन ट्रैफिक में यूज किया गया।
1980- मशहूर आर्केड गेम पेक-मेन लॉन्च हुआ
1983-अंतरिक्ष यान सोयूज टी-8 पृथ्वी पर लौटा।
1984- बछेन्द्री पाल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी।
1988- भारत ने स्वदेश में ही विकसित अन्तरमहाद्वीपीय बालिस्टिक प्रक्षेपास्त्र अग्नि का सफल परीक्षण किया।
1990 – उत्तरी एवं दक्षिणी यमन के विलय के साथ संयुक्त यमन गणराज्य का अभ्युदय।
1991-अल्बानिया की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना की गई।
1992-मेक्सिको में सीवर गैस विस्फोट में करीब 200 लोगों की मौत।
1992 – बोस्निया, स्लोवेनिया तथा क्रोएशिया सं.रा. संघ के सदस्य बने।
1995- जावा प्रोग्रामिंग भाषा का पहला संस्करण जारी किया गया।
1996 – माइकल कैमडेसस तीसरी बार अगले पांच वर्षों तक के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रबंध निदेशक चुने गये।
1997- हौशे खेमिसी नरसंहार: अल्जीरिया में 93 ग्रामीण मारे गए।
1998- उत्तरी आयरलैंड में एक जनमत संग्रह में गुड फ्राइडे समझौता स्वीकार किया गया।
2001 – दलाई लामा ने तिब्बत की आज़ादी की मांग छोड़ी।
2002 – नेपाल में संसद भंग।
2003 – अल्जीरिया में आये विनाशकारी भूकम्प में दो हज़ार से भी अधिक लोग मारे गये।
2004- बंगलादेश में तूफान के कारण मेघना नदी में नाव डूबने से 250 लोगों की मौत।
2004- दो ईंधन गाड़ियों रयोंगचों के उत्तर कोरिया में टकराने से 150 लोगों को मौत हुई।
2005- बांडुंग (इंडोनेशिया) में 50 वर्षों के बाद दूसरा एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन आरम्भ।
2006- अलास्का स्ट्रेटोवोल्केनो माउंट क्लीवलैंड में विस्फोट।
2007 – गणितज्ञ श्रीनिवास वर्धन को नार्वे का अबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
2008- संयुक्त राष्ट्र संघ की 47 सदस्यीय मानवाधिकार समिति में पाकिस्तान को शामिल किया गया।
2008- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लुडविग नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2008- लंदन के मूरफील्ड्स नेत्र अस्पताल के सर्जन ने पहला बायोनिक आंखों का उपयोग कर दो अंधे रोगियों सही किया।
2010- भारत के उच्चतम न्यायालय ने बिना शादी किए हुए महिला एवं पुरुष का एक साथ रहने को अपराध नहीं माना।
2010- एयर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग 737 मंगलौर में उतरते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें 158 लोगों की मौत हुई।
2012- जापान में टोक्यो स्काईट्री टावर को खोला गया। दुबई के बुर्ज खलीफा और चीन के कैंटन टावर के बाद जापान ने अपनी इस सबसे ऊंची इमारत टोक्यो स्काई ट्री तैयार की थी।
2013- स्कागिट नदी पर इंटरस्टेट-पांच पुल वाशिंगटन के मांउंट वर्नोन में गिर गया।
2014- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के परिसर के पास एक हत्याकांड में अपराधी समेत सात लोग मारे गए और 14 लोग घायल हुए।
2015- टेक्सास और ओकलाहोमा में एक बवंडर और अचानक आयी बाढ़ से कम से कम 46 लोगों की मौत।
2017- फिलीपीन के राष्ट्रपति रॉड्रिगो ड्यूटेरे मे मारवी में म्यूट हमले के बाद मिंडानाओ में मार्शल लॉ घोषित किया।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- बछेंद्री पाल ने माउंट एवरेस्ट कब फतह किया? बछेंद्री पाल ने 22 मई 1984 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर इतिहास रचा।
- बछेंद्री पाल को कौन सा सम्मान मिला है?बछेंद्री पाल को उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान बछेंद्री पाल को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?बछेंद्री पाल को एक भीषण बर्फीले तूफान का सामना करना पड़ा, जिससे उनके कैंप का एक हिस्सा दब गया था।
- बछेंद्री पाल के साथ उनके दल में कौन था?बछेंद्री पाल के दल का नेतृत्व आंग दोरजी ने किया था, और वे इस दल में अकेली महिला थीं।
- 22 मई का दिन इतिहास में और किन महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है?इस दिन पुर्तगाली नाविक पेड्रो अलवारेस कैब्राल ने ब्राजील की खोज की थी, राजाराम मोहन राय का जन्म हुआ था, और भारत ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र अग्नि का सफल परीक्षण किया था।
- बछेंद्री पाल कौन हैं?बछेंद्री पाल एक भारतीय पर्वतारोहिण हैं जिन्होंने 1984 में माउंट एवरेस्ट को फतह किया और भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
- बछेंद्री पाल की उपलब्धि क्या है? बछेंद्री पाल ने माउंट एवरेस्ट को चढ़ाई करके भारत की पहली महिला बनीं जिसने इस पर्वत को फतह किया।
- बछेंद्री पाल का जीवन परिचय क्या है?बछेंद्री पाल 24 मई, 1954 को एक छोटे से गाँव में जन्मीं थीं। उन्होंने बचपन से ही पर्वतारोहण का शौकीन रहा है और अपने सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष किया।
- बछेंद्री पाल के संघर्ष के बारे में कुछ बताएं।बछेंद्री पाल की एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान कई मुश्किलें आईं थीं, जिनमें तूफानों और बर्फबारी का सामना करना शामिल था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने के लिए आगे बढ़ा।