WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY MAY 14, आज के इतिहास में विशेष महत्व है, जब भारत(India) ने 1992 में श्रीलंका(Sri Lanka) के विद्रोही संगठन एलटीटीई(LTTE) पर प्रतिबंध लगाया था। इस कदम से भारत ने अपने साथी देशों के साथ सहयोग करते हुए इस गतिविधि को नकारा और इसका समर्थन किया, जो शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।


इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. 14 मई का इतिहास: भारत ने श्रीलंका के विद्रोही संगठन एलटीटीई पर प्रतिबंध लगाया
  2. भारत का बड़ा कदम! श्रीलंका के खिलाफ लिट्टे पर प्रतिबंध, यहाँ तक पहुंची खबरें
  3. क्या सही? भारत की नई राजनीति: लिट्टे पर प्रतिबंध का विवाद

भारत और विश्व के इतिहास में 14 मई का खास महत्व है। आज ही के दिन भारत ने पड़ोसी देश श्रीलंका के विद्रोही संगठन लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया था। भारत ने गैरकानूनी गतिविधियां संबंधी अधिनियम के तहत लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर 14 मई 1992 को प्रतिबंध लगा दिया था। यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका में भी इस संगठन पर प्रतिबंध था। इस कदम से भारत ने अपने साथी देशों के साथ सहयोग करते हुए इस गतिविधि को नकारा और इसका समर्थन किया, जो शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

श्रीलंका सरकार के विरुद्ध लिट्टे के संघर्ष के दौरान शांति बहाली के लिए द्विपीय देश गई भारतीय सेना को वहां बल प्रयोग करना पड़ा था। इस संघर्ष के दौरान भारत ने अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए सख्त कदम उठाए।

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14 मई के इतिहास में इस घटना के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं जुड़ी हुई हैं। 1607 में उत्तरी अमेरिका में अंग्रेजों ने अपना पहला स्थायी अड्डा स्थापित किया था। 1948 में इजराइल ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की थी। 1973 में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के समान अधिकार को मंजूरी दी थी।

इस प्रतिबंध का मतलब है कि भारत ने लिट्टे के गतिविधियों को नकारा और शांति की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय भूमिका निभाई। यह भारत की ताकत और उसकी नागरिकों के हितों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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14 मई को जन्मे व्यक्ति 14 मई को हुए निधन
1657 – शम्भाजी, शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी 2016 – कंडासामी कुप्पुसामी, तमिल विद्वान् और लेखक
1892 – अरुण चन्द्र गुहा, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक कार्यकर्ता 2013 – असगर अली इंजीनियर, भारतीय सुधारवादी-लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता
1883 – अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, प्रसिद्ध न्यायविद, अधिवक्ता और शिक्षाशास्त्री 2011 – महेन्द्र सिंह टिकैत, किसान नेता
1913 – रफीक हुसैन, भारतीय उर्दू लेखक, कवि और आलोचक 2010 – वृंदा करंदीकर, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी कवि
1923 – मृणाल सेन, भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता व निर्देशक 1978 – जगदीशचन्द्र माथुर, प्रसिद्ध नाटककार
1928 – सुरेश चतुर्वेदी, राजस्थान से आयुर्वेद के अग्रणी चिकित्सक 1963 – आचार्य रघुवीर, महान भाषाविद, प्रख्यात विद्वान्‌, राजनीतिक नेता तथा भारतीय धरोहर के मनीषी
1956 – मीर इमरान, भारतीय चिकित्सा आविष्कारक, उद्यमी और उद्यम पूंजीपति 1959 – स्वामी आत्मानंदा, भारतीय ऋषि, गुरु और दार्शनिक
1957 – के. मुरलीधरन, केरल से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ 1943 – अल्ला बख़्श, अंग्रेज़ी शासन के दौरान एक जमींदार, सरकारी ठेकेदार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राजनेता
1962 – रघु राम कृष्ण राजू, भारतीय उद्योगपति और राजनीतिज्ञ 1923 – एन.जी. चन्दावरकर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष

 

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WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY MAY 14 : भारत का बड़ा कदम श्रीलंका के विद्रोही संगठन एलटीटीई (लिट्टे) पर प्रतिबंध लगाकर बदला खेल ,जानिए 14 मई का इतिहास
WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY MAY 14 : भारत का बड़ा कदम श्रीलंका के विद्रोही संगठन एलटीटीई (लिट्टे) पर प्रतिबंध लगाकर बदला खेल ,जानिए 14 मई का इतिहास

देश दुनिया के इतिहास में 14 मई  की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है 

1607 : उत्तरी अमेरिका में अंग्रेजों ने अपना पहला स्थायी अड्डा स्थापित किया। इसे जेम्स टाउन, वर्जीनिया का नाम दिया गया। 

1610 : फ्रांस में हेनरी चौथे की हत्या और लुइस तेरहवें फ्रांस की गद्दी पर बैठे। 

1702 : इंग्लैंड और नीदरलैंड ने फ्रांस और स्पेन के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा की। 

1811 : पराग्वे स्पेन से मुक्त हुआ।

1878 : पहली बार वैसलीन ब्रांड नाम का रॉबर्ट ए चेसब्राफ ने पंजीकरण करवाया। 

1879 : थॉमस एडिसन यूरोप की एडिसन टेलीफोन कंपनी से जुड़े।

1879 – 14 मई 1879 को 463 भारतीय गिरमिटिया मजदूरों का पहला समूह लियोनिदास में फिजी पहुंचा।

1883 – भारतीय वकील और भारत की संविधान सभा के सदस्य अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर का जन्म 14 मई 1883 को हुआ।

1908: पहली बार किसी व्यक्ति ने हवाई जहाज में उड़ान भरी.

1923 – प्रारंभिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ और हिंदू सुधारक एन.जी. चंदावरकर की मृत्यु 14 मई 1923 को हुई।

1941: 36000 परशियन यहूदी को गिरफ्तार किया गया.

1944 : ब्रिटिश सैनिकों ने कोहिमा पर कब्जा किया। 

1948 : इजराइल ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की। 

1955 : वॉरसा संधि पर हस्ताक्षर। सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप के उसके सहयोगी देशों ने पोलैंड की राजधानी वॉरसा में इस संधि पर हस्ताक्षर किए। इसके जरिए सदस्य देशों के बीच आर्थिक, सैनिक और सांस्कृतिक संबंधों के विकास पर सहमति बनी। 

1963 : कुवैत संयुक्त राष्ट्र का 111वां सदस्य बना। 

1973 : अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के समान अधिकार को मंजूरी दी। 

1981: नासा ने स्पेश व्हिकल S-192 लांच किया.

1984 : फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का जन्म। 

1991 : दक्षिण अफ़्रीक़ा के रंगभेद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला की पत्नी विनी मंडेला को चार युवकों के अपहरण के मामले में छह साल की सज़ा सुनाई गई। 

1992 : भारत ने तमिल टाइगर्स के नाम से मशहूर श्रीलंकाई विद्रोही संगठन एलटीटीई पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत के अतिरिक्त कई अन्य देशों ने भी तमिल टाइगर्स पर प्रतिबंध लगाया.

2012 : इजराइल की जेलों में बंद 1500 फलस्तीनी कैदी भूख हड़ताल समाप्त करने पर सहमत हुए। 

2013 : ब्राजील समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला दुनिया का 15वां देश बना। 

2018 – भारतीय राजनेता शशि थरूर पर 14 मई 2018 को पुलिस ने अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया।

2019 – 14 मई 2019 को तीन साल की बच्ची के साथ बलात्कार के बाद कश्मीर में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूलों को बंद कर दिया गया।

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पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध क्यों लगाया? भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया क्योंकि यह संगठन श्रीलंका में गैरकानूनी गतिविधियों को समर्थन कर रहा था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था। इस संगठन का भारत के साथ सीमा पर भी संबंध था, जिससे भारत को उसके कार्यों का सीधा प्रभाव महसूस हो रहा था।
  2. लिट्टे क्या है? लिट्टे एक श्रीलंकाई विद्रोही संगठन था, जो तमिल इलाम क्षेत्र में गुटबंधन की लड़ाई लड़ रहा था। यह संगठन तमिल नौकरीदारों की समस्याओं को उठाने के लिए उनका समर्थन करता था, लेकिन इसके कुछ सदस्य आतंकवादी हमलों में भी शामिल थे।
  3. क्या भारत के अलावा अन्य देशों ने भी लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया था? हां, भारत के अलावा अन्य देशों ने भी लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया था। इसमें यूरोपीय संघ, कनाडा, और अमेरिका भी शामिल थे। इन देशों ने लिट्टे के संगठन की आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाया था।
  4. भारत ने लिट्टे पर प्रतिबंध कब और क्यों लगाया? भारत ने 14 मई 1992 को लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया। यह तब किया गया था जब लिट्टे ने श्रीलंका में अत्यधिक हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा दिया था। भारत को लगा कि लिट्टे की गतिविधियां उसके राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ थीं, जिससे देश को नुकसान हो सकता था।
  5. लिट्टे के प्रतिबंध का क्या प्रभाव हुआ? लिट्टे पर भारत और अन्य देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का प्रभाव संगठन की शक्ति को कम करने में आया। इसने लिट्टे की गतिविधियों को रोका और उसकी विपक्षता में मजबूती लाई। लेकिन यह भी इसे और अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, जिसने उसकी गतिविधियों को प्रभावित किया।
  6. क्या लिट्टे की संगठना की बारे में कुछ और बताएं? लिट्टे एक तमिल नौकरीदारों की संगठना थी, जो उनकी समस्याओं को हल करने के लिए लड़ रही थी। इसका मुख्य उद्देश्य तमिल इलाम क्षेत्र के अलगाव को लेकर एक स्थायी समाधान प्रस्तुत करना था। लेकिन संगठन के कुछ सदस्य आतंकवादी हमलों में भी शामिल थे, जिससे उसका चरित्र अधिकांश देशों के लिए अस्वीकार्य बन गया।
  7. क्या भारत के अलावा कोई और देश भी लिट्टे के खिलाफ कदम उठाए? हां, भारत के साथ ही अन्य देशों ने भी लिट्टे के खिलाफ कदम उठाए। यूरोपीय संघ, कनाडा, और अमेरिका ने भी लिट्टे के समर्थन में कदम नहीं उठाए और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
  8. लिट्टे का संगठन कौन-कौन से क्षेत्रों में था? लिट्टे का संगठन तमिल इलाम क्षेत्र में था, जो श्रीलंका का उत्तरी भाग है। यहाँ के लोग तमिल भाषा और संस्कृति के पक्षपात के खिलाफ लड़ रहे थे।
  9. क्या लिट्टे का प्रतिबंध अभी भी लागू है? हां, भारत के साथ ही अन्य देशों में लिट्टे का प्रतिबंध अभी भी लागू है। इसका उद्देश्य उसकी आतंकवादी गतिविधियों को रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

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