WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY MAY 08, शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जो उसके अपराधों के क्रमशः अंतिम पायदान को दर्शाती है। उन्हें 1999 में किडनैप करने का आरोप था, और इसके बाद भी उनके अपराधों की सूची लंबी है। 2004 में एसिड कांड में भी उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। शहाबुद्दीन की मौत 2021 में हो गई थी, जब उन्हें कोरोना संक्रमण का सामना करना पड़ा।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें
- शहाबुद्दीन को सजा: 2007 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई
- अपराधी का अंत: शहाबुद्दीन को मिली जेल की सजा, सुनाई गई गंभीर दोष
- विवाद: क्या शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सही है?
शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जो उनके अपराधों के क्रमशः अंतिम पायदान को दर्शाती है। उन्हें 1999 में बिहार में एक CPI(ML) कार्यकर्ता को किडनैप करने का आरोप था, जिसका कोई पता नहीं चला। उसके बाद भी, उनके अपराधों की सूची लंबी है।
2004 में सीवान में हुए एसिड कांड में भी शहाबुद्दीन को क्रूरतम अपराध के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में उन्हें दो भाइयों पर एसिड अटैक करने का आरोप था।
कुछ समय पहले, 2007 में शहाबुद्दीन को सीवान की कोर्ट ने फिर से उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन्हें गंभीर अपराधों के लिए सजा सुनाई गई, जिसकी आलोचना की जा रही है।
शहाबुद्दीन की मौत 2021 में हो गई थी, जब उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में कोरोना संक्रमण का सामना करना पड़ा।
उनके उम्रकैद होने की सजा और उनके अपराधों को लेकर कई विवाद उठे हैं। कुछ लोग इसे उचित मानते हैं, जबकि कुछ इसे कठोरता का प्रमाण मानते हैं। शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा के संबंध में समाज में बहस हो रही है।
शहाबुद्दीन के उम्रकैद होने की सजा को लेकर विभिन्न राय हैं, लेकिन इससे उठे विवाद का मुद्दा अब भी चर्चा का केंद्र रहा है। उनकी अंतिम सजा ने उनके अपराधों के संबंध में एक नया परिपेक्ष्य दिया है।
यूरोप में विजय दिवस: द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति का उत्सव
8 मई को यूरोप के लिए विजय दिवस मनाया जाता है, जो द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति का प्रतीक है। 1945 में इस दिन, जर्मनी की नाजी सेना ने बिना किसी शर्त के अपनी हार मान ली थी, जिसकी खुशी को पूरे यूरोप में सेलिब्रेट किया जाता है।
यूरोप में ‘विक्ट्री डे’ पर कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इन कार्यक्रमों में विश्व युद्ध के उन दिग्गजों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने यूरोप को नाजीवाद से मुक्त किया। द्वितीय विश्व युद्ध में कम से कम 5 करोड़ लोगों की मौत हुई, जिनमें से 3 करोड़ सोवियत सेना के जवान और वहां के नागरिक थे।
इस घटना के अलावा, 08 मई को भारतीय एवं विश्व इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। 1777 में बंगाल के जनाब मीर कासिम का निधन हुआ, जो इतिहास में महत्त्वपूर्ण व्यक्ति थे। 1886 में अमेरिकी फार्मासिस्ट जान एस पैंबरटन ने कोका कोला का आविष्कार किया, जो एक प्रमुख विश्वसनीय ब्रांड बन गया।
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8 मई को जन्मे व्यक्ति |
8 मई को हुए निधन |
1932 – सत्यब्रत मुखर्जी – पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय राजनीतिज्ञ और लोकसेवी थे। |
1982 – आत्माराम रावजी देशपांडे – प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार। |
1929 – गिरिजा देवी – भारत की प्रसिद्ध ठुमरी गायिका |
2013 – ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर – भारत के मशहूर ध्रुपद गायक। |
1916 – स्वामी चिन्मयानंद – भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक चिंतक तथा वेदान्त दर्शन के विश्व प्रसिद्ध विद्वान। |
1993 – देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय – भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार थे। |
1895 – गोपबन्धु चौधरी – उड़ीसा के प्रसिद्ध क्रांतिकारी तथा गाँधीवादी कार्यकर्ता। |
1777 – मीर क़ासिम – बंगाल का नवाब |
1926 – तपन राय चौधरी – प्रसिद्ध इतिहासकार। |
1915 – अमीर चन्द – भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे। |
1828 – जीन हेनरी डयूनेन्ट – मानव सेवा के कार्यों के लिए पहला नोबेल शांति पुरस्कार व्यक्ति |
1915 – भाई बालमुकुंद – भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले क्रांतिकारियों में से एक थे। |
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1927 – दामोदरम संजीवय्या – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता, जो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। |
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1899 – वासुदेव चापेकर – भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध चापेकर बन्धुओं में से एक थे। |