WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY APRIL 25,दूरदर्शन ने अपने प्रसारण में रंग का उपयोग किया, जिससे लोगों के जीवन में नए रंग और आंच आ गया। इस दिन के अलावा, इतिहास ने आज को कई ऐतिहासिक घटनाओं के रूप में दर्ज किया है।


इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. दूरदर्शन का रंगीन आगाज: 25 अप्रैल को हुआ श्वेत श्याम से रंगीन प्रसारण
  2. इतिहास में धूम मचाई: 25 अप्रैल को दूरदर्शन का रंगीन संघर्ष और सफलता
  3. क्या आप जानते हैं? 25 अप्रैल को दूरदर्शन के रंगीन होने से कितने विवाद उठे?

25 अप्रैल का महत्वपूर्ण दिन है जो भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखता है। इस दिन, 1982 में देश में दूरदर्शन चैनल के रंगीनीकरण का आगाज हुआ था। यह घटना भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जो घरों में रंग लाकर एक नई दिशा दिखाई थी।

एक जमाने में लोग सिनेमा के पर्दे पर लोगों को चलते फिरते देखकर हैरान हुआ करते थे। फिर टेलीविजन के रूप में कुछ इंच का यह जादू घरों तक पहुंचने लगा। कोई कितने बड़े घर का है इसका अंदाजा उसपर लगे ‘एंटेना’ से लगाया जाता था।

शाम के वक्त ‘एंटेना’ की दिशा बदलना और चिल्लाकर पूछना ‘आया?’ इस बात का संकेत होता था कि फलाने घर में टेलीविजन पर तस्वीर साफ नहीं आ रही है। ये बातें पुरानी जरूर हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं। देश में ‘बुद्धू बक्सा’ अर्थात दूरदर्शन का आना जितनी बड़ी खबर थी, उतनी ही बड़ी खबर थी उसका रंगीन हो जाना।

दूरदर्शन के रंगीन आगाज की बातें आज भी यादगार हैं। 25 अप्रैल 1982 को देश के लोगों के लिए टेलीविजन का एक नया युग आरंभ हुआ था। इस दिन दूरदर्शन ने अपने प्रोग्रामों को रंगीन बनाने के लिए श्वेत श्याम से रंगीन प्रसारण आरंभ किया।

इस समय, टेलीविजन घरों में नए-नए उत्साह के साथ घुस रहा था। दूरदर्शन के रंगीन प्रोग्रामों की वजह से लोग अपने घरों में ही एक साथी और मनोरंजन का साथ पाने लगे। इससे लोगों के बीच सामाजिक समरसता और एकजुटता में भी वृद्धि हुई।

इस रंगीन आरंभ के बाद, टेलीविजन का अपना महत्व और प्रभाव दिन पर दिन बढ़ता चला गया। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर रहा, जो देशवासियों के मनोरंजन के तरीके को स्थायी रूप से बदल दिया।

25 अप्रैल को चिह्नित करने के लिए, इस दिन के इतिहास में कई और घटनाएं भी हैं। 1809 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पंजाब के सिख शासक रणजीत सिंह के बीच अमृतसर संधि हस्ताक्षर की गई थी, जो प्रभावी सामंजस्य और शांति के लिए महत्वपूर्ण थी। 1905 में, दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों को मताधिकार मिलने के बाद, जनसंख्या के समान अधिकार का मानवाधिकार का महत्वपूर्ण पहल।

देश दुनिया के इतिहास में 25 अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है 

1809 : ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पंजाब के सिख शासक रणजीत सिंह के बीच अमृतसर संधि पर हस्ताक्षर किए गए। 

1867 : जापान की राजधानी तोक्यो में विदेशी व्यापार की अनुमति दी गई। 

1905 : दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों को मताधिकार मिला। 

1954 : बेल लैब्स ने न्यूयार्क में पहली बार सोलर बैटरी बनाने की घोषणा की। 

1953 : कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिकों जेम्स डी वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने डीएनए की संरचना की व्याख्या कर जीव विज्ञान की इस बुनियादी पहेली का जवाब खोज लिया कि जीव अपना वंश कैसे बढ़ाते हैं। इन दोनों वैज्ञानिकों को उनकी इस खोज के लिए 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया 

1957: सोडियम परमाणु रिएक्टर पहली बार संचालित किया गया। 

1975 : सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया। 

1980 : अमेरिकी सेना ने तेहरान स्थित अपने दूतावास से 53 बंधकों को छुड़ाने का गोपनीय अभियान चलाया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई और आठ अमेरिकी सैनिक मारे गए। ये संकट 444 दिन तक चला और अंतत: जनवरी 1981 में इन बंधकों की रिहाई हो पाई। 

1981 : जापान के सुरूगा में एक परमाणु संयंत्र में मरम्मत कार्य के दौरान 100 से अधिक मजदूर परमाणु विकिरण का शिकार हुए। 

1982 : दिल्ली में टेलीविजन पर पहली बार रंगीन प्रसारण की शुरूआत हुई। 

1983 : जर्मनी की पत्रिका ‘स्टर्न’ ने हिटलर की उस विवादास्पद डायरी को छापना शुरू किया, जिसे उसने कथित रूप से दूसरे विश्वयुद्घ के दौरान कलमबद्ध किया था। डायरी की प्रामाणिकता पर कई सवाल उठाए गए। 

1989 : इथियोपिया में दिमागी बुखार से 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत। यह बीमारी सूडान तक फैली और वहां भी कम से कम 400 लोगों की मौत। 

2010 : भारतीय नौसेना ने पुराने हो चुके चेतक हेलीकाप्टरों की जगह लाइट यूटिलिटी हेलीकाप्टर खरीदने की प्रक्रिया शुरू की। 

2013 : ब्रिटेन ने सोमालिया में अपना दूतावास 27 वर्ष के बाद दोबारा खोला।

2015 : नेपाल में भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई। राजधानी काठमांडू के नजदीक आए इस भूकंप से जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ। 

2020 : देश में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 779 पहुंची, संक्रमण के मामले बढ़ कर 24,942 हो गये। 

2021: पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का कोविड के कारण निधन। 

2021: इराक में बगदाद के कोविड अस्पताल में सिलेंडर फटने से लगी भीषण आग। 82 लोगों की मौत।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. 1982 में 25 अप्रैल को टेलीविजन का रंगीन होना कैसे हुआ?1982 में 25 अप्रैल को टेलीविजन का रंगीन होना तकनीकी उन्नति और प्रसारणकर्ताओं के प्रयासों का परिणाम था, जिसका मकसद दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाना था।
  2. इतिहास में 25 अप्रैल को क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?इतिहास में, 25 अप्रैल को कई महत्वपूर्ण घटनाओं के आयोजन के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है, जिनमें कूटनीतिक संधियों से लेकर प्रौद्योगिकी की अद्भुत प्रगति शामिल है।
  3. क्या टेलीविजन पर रंग के प्रसारण को व्यापक स्वीकृति मिली थी?जबकि टेलीविजन पर रंग का प्रसारण एक महत्वपूर्ण कदम था और प्रसारण का इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल था, लेकिन इसे जनता की बीच विभिन्न प्रतिक्रियाएं मिलीं, कुछ इसे स्वीकार करते थे जबकि कुछ ब्लैक-एंड-वाइट प्रसारणों के प्रति नोस्टाल्जिक रहते थे।
  4. टेलीविजन के रंगीन होने का मनोरंजन उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ा?टेलीविजन के रंगीन होने से साहित्यिक सृजनकर्ताओं के लिए नई रचनात्मक संभावनाओं का द्वार खुल गया और यह दृश्यों को कैसे दिखाया जाता है, इसको एक उत्साही और रोचक मनोरंजन दृश्य के रूप में बदल दिया।
  5. क्या टेलीविजन के रंगीन होने के आसपास कोई विवाद था?हां, टेलीविजन के रंगीन होने ने इतिहासी सामग्री के संरक्षण और काले-बांध की असलियत पर बहस उत्पन्न की। कुछ विवादपराय रहे, जो इसे मूलांकन के तत्व का क्षति पहुंचाने के रूप में देखते थे, जबकि अन्य इसे माध्यम के विकास के रूप में देखते थे।
  6. 25 अप्रैल के इतिहास में क्या अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं? इस दिन के इतिहास में कई और महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे कि 1809 में अमृतसर संधि का हस्ताक्षर, 1905 में दक्षिण अफ्रीका में मताधिकार की प्राप्ति, और 1957 में सोडियम परमाणु रिएक्टर के पहले संचालन।
  7. 25 अप्रैल का महत्व क्या है? 25 अप्रैल का महत्व भारतीय इतिहास में उत्कृष्ट है, क्योंकि इस दिन पर अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं जो आज भी हमें प्रेरित करती हैं।

इसे भी पढ़ें –WHAT HAPPENED TODAY IN HISTORY APRIL 24 : सचिन तेंदुलकर के जन्मदिन पर कुछ अनसुने तथ्य जो आपने नहीं सुने होंगे,जानिए 24 अप्रैल का इतिहास

हिंदी में इतिहास से जुड़ी खबरें सबसे पहले महाकालटाइम्स.कॉम पर पढ़ें.

अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए महाकालटाइम्स जुड़े रहें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here