SEBI की चेयरपर्सन का बड़ा खुलासा: SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेत, क्या है बाजार की राय?
मार्केट रेगुलेटर SEBI (सेबी) ने एसएमई (SME) सेगमेंट में हेरफेर के संकेत दिखे हैं। SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने सोमवार 11 मार्च को मुंबई में महिला फंड मैनेजरों को सम्मानित करने वाले AMFI के एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं। SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा, “हमें SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेत दिख रहे हैं। बाजार ने अपना फीडबैक दिया है। हम कार्रवाई के लिए मजबूत सबूत और फीडबैक पर काम कर रहे हैं।”
SEBI की चेयरपर्सन का बड़ा खुलासा: SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेत, क्या है बाजार की राय?”
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें:
- SEBI अध्यक्ष ने SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेतों पर दी चेतावनी
- IPO कीमतों में हेरफेर के संकेतों पर SEBI की नजर, चेयरपर्सन का खुलासा
- बाजार में SEBI के निगरानी पर उठे सवाल, हेरफेर के संकेतों पर विवाद
SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने मुंबई में आयोजित AMFI के कार्यक्रम में हेरफेर के संकेतों पर ध्यान दभारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अध्यक्ष माधबी पुरी SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सोमवार को मुंबई में आयोजित महिला फंड मैनेजरों के सम्मान कार्यक्रम में SME (छोटे और मध्यम उद्यम) सेगमेंट में हेरफेर के संकेतों पर चेतावनी दी। SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा, “हमें SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेत दिख रहे हैं। बाजार ने अपना फीडबैक दिया है और हम कार्रवाई के लिए मजबूत सबूत और फीडबैक पर काम कर रहे हैं।”
इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि SEBI कुछ IPO के मामलों में भी कीमतों में हेरफेर और ट्रेडिंग स्तरों की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, “SME IPO में सुधार के शुरुआती कदम के रूप में खुलासे को लागू करने पर विचार किया जा रहा है।”
SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने यह भी उजागर किया कि छोटे और मध्यम उद्यमों को कई शर्तों का पालन करना पड़ता है, और इस संदर्भ में बाजार नियामक की इच्छा एक फैसिलिटेटर बनने की थी, जो मुख्य बोर्ड की तरह नियामित नहीं था। यहां तक कि, कुछ संस्थाओं द्वारा इस सुविधा का दुरुपयोग करने के शिकायतें भी आई हैं।
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इन समस्याओं का समाधान करने के लिए, SEBI ने पहले नहीं लागू होने वाले उपायों में सहायक निगरानी उपाय (ASM) और ग्रेडेड सर्विलांस मेजर (GSM) जैसे उपायों को लागू किया।
SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इस संदर्भ में कहा कि ये काफी छोटी कंपनियां हैं, जिनमें बाजार कैप और फ्री फ्लोट दोनों ही कम होता है, जिससे IPO और ट्रेडिंग स्तरों पर हेरफेर करना सरल हो जाता है।
SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के इस बयान ने SEBI के उपायों पर बाजार में वाद-विवाद उत्पन्न किया है, जिससे बाजार की निर्देशिका और निवेशक संरक्षण में संतुलन के सवाल उठे हैं।
पूछे जाने वाले सवाल
- SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेत क्या हैं? SEBI की चेयरपर्सन ने सेबी के SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेतों की चर्चा की है। यह किसी निश्चित बाजार गतिविधि या नियमिती के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
- SEBI कैसे इसे निगरानी कर रहा है? SEBI ने SME सेगमेंट में हेरफेर की निगरानी के लिए कार्रवाई के लिए सबूतों का अध्ययन करने का ऐलान किया है।
- क्या SEBI कुछ IPO के मामले में भी निगरानी कर रहा है? हां, SEBI ने कुछ IPO के मामले में भी कीमतों में हेरफेर और ट्रेडिंग लेवल की निगरानी करने का ऐलान किया है।
- छोटी कंपनियों को इसमें क्या दिक्कतें हो सकती हैं? स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज को इसमें कुछ शर्तों के पालन में दिक्कतें हो सकती हैं, जिससे उन्हें आम IPO और ट्रेडिंग स्तरों पर हेरफेर करने में कठिनाई हो सकती है।
- SEBI ने इसे कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं? SEBI ने एडिशनल सर्विलांस मेजर उपाय (ASM) और ग्रेडेड सर्विलांस मेजर (GSM) जैसे उपाय लागू किए हैं।
- अगले कदम क्या है? SEBI ने SME IPO में सुधार के शुरुआती कदम के रूप में खुलासे को लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इसे वास्तविकता मानते हुए कहा कि ये काफी छोटी कंपनियां हैं, जहां मार्केट कैप और फ्री फ्लोट छोटा है, इससे IPO के स्तर और ट्रेडिंग स्तर दोनों पर हेरफेर करना काफी आसान हो जाता है।
यहाँ तक की बाजार नियामक को कुछ संस्थाओं द्वारा इस सुविधा ढांचे का दुरुपयोग करने की शिकायतें मिली हैं, जिसको कम करने के लिए, SEBI ने एडिशनल सर्विलांस मेजर उपाय (ASM) और ग्रेडेड सर्विलांस मेजर (GSM) जैसे उपाय लागू किए हैं, जो पहले SME बोर्ड पर लागू नहीं थे।
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