महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती रोगों से छुटकारा दिलाने का भी असर माना जाता है। प्राचीन समय में भस्म लाने की परंपरा श्मशान से शुरू हुई थी, जिसमें विभिन्न पदार्थों को जलाकर भस्म तैयार किया जाता था। यह मान्यता है कि महाकाल के भस्म को प्राप्त करने से व्यक्ति को रोगों और दोषों से मुक्ति मिलती है। विज्ञान अभी इस तथ्य को स्वीकारने से पीछे है, लेकिन लोगों की विश्वासयात्रा और धार्मिक आस्था में इसे एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है।
महाकाल की भस्म आरती के प्रति श्रद्धालुओं का आवागमन लगातार बढ़ता जा रहा है। भस्म आरती में उन्हें महाकाल के प्रति अपनी विशेष प्रेम और समर्पण का अभिव्यक्ति का अवसर प्राप्त होता है। इस पवित्र आरती में श्रद्धालु अपने मन की गहराइयों से भगवान के समीप होते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाओं का अनुरोध करते हैं।
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महाकाल की भस्म आरती के प्रति लोगों की भक्ति और आस्था ने इसे एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण प्राथमिकता बना दिया है। यहां की आरती की मान्यताओं, परंपराओं, और धार्मिक अर्थ को समझने में हमें एक विशेष संवेदनशीलता की आवश्यकता है। इससे हम अपने धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन को समृद्धि और सामर्थ्य से भर सकते हैं।