JM Financial की डेट इश्यू में धांधली का खुलासा! SEBI ने जारी किया बड़ा आदेश

SEBI ने जांच के दौरान JM फाइनेंशियल और इसके दो इकाइयों के बीच धोखाधड़ी का पता लगाया है जब वे एक पब्लिक डेट इश्यू का प्रबंधन कर रहे थे। जांच के अनुसार, 2023 में यह पब्लिक डेट इश्यू हुआ था जिसका लीड मैनेजर JM फाइनेंशियल था। उन्होंने इस इश्यू में निवेश करने के लिए रिटेल निवेशकों को धन प्रदान किया, फिर उनसे सिक्योरिटीज खरीदी, और फिर उन्हें नुकसान पर बेच दिया। SEBI ने JM फाइनेंशियल को किसी भी नए डेट इंस्ट्रूमेंट के पब्लिक इश्यू का प्रबंधन करने से रोक दिया है और और इस मामले में और जांच करने का आदेश दिया है।

JM Financial की डेट इश्यू में धांधली का खुलासा! SEBI ने जारी किया बड़ा आदेश

JM Financial की डेट इश्यू में धांधली का खुलासा! SEBI ने जारी किया बड़ा आदेश
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इस खबर की महत्वपूर्ण बातें:

  1. JM फाइनेंशियल द्वारा डेट इश्यू के प्रबंधन में धोखाधड़ी का खुलासा, SEBI ने आरोपों की जांच शुरू की!
  2. चौंकानेवाली खुलासा: SEBI ने JM फाइनेंशियल के खिलाफ नाममात्र आरोपों का खुलासा किया!
  3. विवादास्पद बयान: JM फाइनेंशियल को फिरांगी वित्तीय लेन-देन में शामिल होने के आरोप, SEBI जांच करेगा!

सेक्यूरिटीज और एक वित्तीय गतिविधि कंपनी, जेएम फाइनेंशियल के खिलाफ एक महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। भारतीय शेयर और बाजार नियामक प्राधिकरण (SEBI) ने इस कंपनी के पब्लिक डेट इश्यू (IPO) की जांच के बाद फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। इसके अलावा, जेएम फाइनेंशियल को नए डेट इंस्ट्रूमेंट के IPO के लिए लीड मैनेजर के रूप में चुनने से भी रोक लगाई गई है।

SEBI के अनुसार, जेएम फाइनेंशियल और उसकी दो इकाइयों ने 2023 में एक पब्लिक डेट इश्यू के दौरान धांधली की गई थी। जेएम फाइनेंशियल की एक सहयोगी कंपनी ने इस IPO में रिटेल इन्वेस्टर्स के पैसे लगाने के लिए धोखाधड़ी की थी। इसके बाद, इन्होंने इन पैसों से सिक्योरिटीज खरीदी, और फिर उन्हें लॉस पर बेच दिया।

SEBI ने इस मामले की जांच करने के बाद, JM Financial को इस IPO के मैनेजमेंट से रोक लगाई है। यह आदेश 7 मार्च को जारी किया गया था। साथ ही, SEBI ने जेएम फाइनेंशियल को नए डेट इंस्ट्रूमेंट के IPO में लीड मैनेजर के रूप में काम नहीं करने दिया है।

इस घटना के बाद, जेएम फाइनेंशियल के खिलाफ और भी कई मामलों की जांच होने की संभावना है। SEBI ने यह भी तय किया है कि उन्हें इनसेंटिव स्ट्रक्चर की भी जांच करनी होगी, ताकि उन्हें पता चल सके कि उन्हें इतना ज्यादा इनसेंटिव मिला था कि उन्होंने सिक्योरिटीज को लॉस पर बेच दिया।

यह फैसला एक अवकाशीन आदेश है, जिसका मतलब है कि इस मामले में न्यायिक जांच जारी रहेगी। मामले की जांच के दौरान, जेएम फाइनेंशियल को सफाई देने के लिए एक साल का समय मिलेगा। SEBI की उम्मीद है कि वह इस मामले की जांच अगले छह महीने में पूरी कर लेगा।

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