Israel-Hamas War:भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल-हमास युद्ध के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान ने उड़ा दिए सभी के होश!
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मलेशिया के दौरे के दौरान इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी दृष्टि रखी। उन्होंने इन घटनाओं के प्रकोप में फिलिस्तीनियों के अधिकारों की चिंता को उजागर किया। उन्होंने इस विवाद को समाधान की दिशा में आगे बढ़ाने की भारत की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने भारत-चीन संबंधों के बारे में भी बात की और संबंधों को सुधारने की आवश्यकता को जताया। उनके बयान से साफ होता है कि भारत को विवादों को शांति से समाधानित करने की प्रेरणा है और उसकी सक्रिय भूमिका रही है।
इस खबर की महत्वपूर्ण बातें:
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-हमास विवाद पर अपनी दृष्टि रखी
- जयशंकर का बड़ा बयान: इजरायल-हमास विवाद के मुद्दे में उन्होंने क्या कहा?
- भारत की विदेश नीति पर जयशंकर के संदेश का उठाया सवाल
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने नवीनतम बयान में इजरायल-हमास विवाद पर अपने दृष्टिकोण को उजागर किया। मलेशिया के दौरे के दौरान, उन्होंने विवाद की समाधान की प्रोत्साहना की और फिलिस्तीनियों के अधिकारों की चिंता को उजागर किया। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और समाधान की दिशा में भारत की सक्रिय भूमिका को बढ़ावा दिया।
जयशंकर ने विवाद के मामले में सांविधिक समाधान की बजाय विभाजन का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “हमें विभाजित नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें सच्चाई के प्रति सामर्थ्यपूर्ण होना चाहिए।” उन्होंने विवाद को समाधान की दिशा में आगे बढ़ाने की भारत की प्रेरणा को भी दिखाया।
Concluded my program in Malaysia by meeting Digital Minister @GobindSinghDeo.
Discussed digital cooperation, including exchange of best practices and exploring business opportunities. pic.twitter.com/OH4xjkBw3p
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) March 28, 2024
जयशंकर ने इस मौद्रिक संघर्ष के अलावा अपने भारत-चीन संबंधों पर भी ध्यान दिया। उन्होंने संबंधों को सुधारने के लिए सामान्य स्थिति की आवश्यकता को माना।
उनका बयान विदेश नीति में भारतीय इरादे की प्रतिद्वंद्विता और उसकी सक्रियता को दर्शाता है। उनका यह प्रयास विश्व के शांति और सुरक्षा में भारत की भूमिका को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
जयशंकर ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत न केवल इस विवाद को समाधान की दिशा में बढ़ाने में सक्षम है, बल्कि वह उत्तरी और पश्चिमी संघर्षों के समाधान में भी सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ है, समरसता और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
A good conversation with Defense Secretary Gilbert Teodoro of the Philippines.
Discussed strengthening our defense partnership, reflecting our shared interests and many convergences in the Indo-Pacific.
Look forward to enhancing capabilities, intensifying exchanges and closer… pic.twitter.com/cLBupyG9Bh
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) March 26, 2024
उनके बयान से स्पष्ट होता है कि भारत की नीति में न केवल राजनीतिक महत्व है, बल्कि मानवीय एवं नैतिक मूल्यों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। भारत का यह संदेश विश्व समुदाय को शांति और समरसता के माध्यमों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जयशंकर के बयानों और भारतीय सरकार के प्रयासों से स्पष्ट होता है कि देश विश्व स्तर पर सुरक्षा और समरसता के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके जरिए, भारत विवादों को समाधान की दिशा में ले जाने के लिए आगे बढ़ सकता है और एक स्थिर और शांतिप्रिय विश्व की दिशा में अपना योगदान दे सकता है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- भारतीय विदेश मंत्री का कार्यक्षेत्र क्या है? भारतीय विदेश मंत्री का कार्यक्षेत्र भारत की विदेश नीति और विदेशी राजनीतिक मामलों के प्रबंधन को सुनिश्चित करना होता है। वह भारत के संबंध विकसित करने, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शामिल होने और विदेशी राजनयिकों के साथ द्विपक्षीय संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए काम करते हैं।
- विदेश मंत्रालय की स्थापना कब हुई थी?भारतीय विदेश मंत्रालय की स्थापना 2 अक्टूबर 1946 को हुई थी। यह मंत्रालय भारत की विदेश नीति का प्रबंधन करता है और भारत के विदेशी मित्रों के साथ संबंध बनाए रखने में सहायता प्रदान करता है।
- विदेश मंत्री के दौरे क्यों महत्वपूर्ण होते हैं?विदेश मंत्री के दौरे देश की विदेश नीति को समझाने और बाहरी संबंधों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण माध्यम होते हैं। ये दौरे उन्हें विभिन्न देशों के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संदर्भ को समझने का मौका भी प्रदान करते हैं।
- भारत की विदेश नीति क्या है?भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति, सुरक्षा, और सहयोग को बढ़ावा देना है। भारत सभी देशों के साथ उत्तरदायित्वपूर्ण और समरस संबंध बनाने का प्रयास करता है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में सहयोग करता है।
- भारत का क्या स्थान है अंतरराष्ट्रीय मंच पर?भारत एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है और संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, ग20, नमसे, ब्रिक्स, आदि जैसे महत्वपूर्ण मंचों पर अपनी भूमिका निभाता है। भारत विश्व के विभिन्न मुद्दों में अपने स्थितिकरण को मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
- भारतीय विदेश मंत्री का क्या प्रमुख कार्य होता है?भारतीय विदेश मंत्री का प्रमुख कार्य भारत के विदेश नीति को निर्धारित करना, विदेश दौरे का आयोजन करना, और विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा और प्रतिस्थापना का काम करना होता है। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के पक्ष में बोलते हैं और विदेशी राजनयिकों के साथ द्विपक्षीय संवाद को संबोधित करते हैं।
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