Bollywood Actress Manorama ने अपनी अद्भुत अभिनय क्षमता के साथ दर्शकों को मनोरंजन प्रदान किया। उनका दिल जीतने वाला सफर बहुत ही अद्भुत और विशेष है।

Bollywood actress manorama की कहानी ने किया सबको झूमने पर मजबूर, बॉलीवुड की ये 'वैम्प' ने बदल डाला अपना जीवन!
Bollywood actress manorama की कहानी ने किया सबको झूमने पर मजबूर, बॉलीवुड की ये ‘वैम्प’ ने बदल डाला अपना जीवन!

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. बॉलीवुड की मशहूर ‘वैम्प’ मनोरमा का दिल जीतने वाला सफर
  2. ‘सीता और गीता’ की चाची मनोरमा की अद्भुत कहानी, जिसने सामने लाई अपनी अविश्वसनीय कहानी
  3. क्या चेहरे की भीतरी सच्चाई छिपी होती है? मनोरमा के जीवन से जुड़ी बातें

बॉलीवुड की मशहूर ‘वैम्प’ मनोरमा ने अपने अद्भुत अभिनय क्षमता के साथ दर्शकों को खूब मनोरंजन प्रदान किया। उन्होंने बला कलाकार से शुरुआत की और 6 दशक तक बॉलीवुड में अपने प्रतिभा का परिचय दिया। मनोरमा की कई फिल्मों में ‘वैम्प’ और ‘लेडी विलन’ के रोल्स ने उन्हें दर्शकों के दिलों में स्थान बना लिया।

साल 1972 की फिल्म ‘सीता और गीता'(Sita Aur Geeta) में उन्होंने चाची कौशल्या का किरदार निभाया था, जिसे लोग आज भी याद करते हैं। उनका व्यक्तित्व और चेहरे के हाव-भाव से बॉलीवुड की इन ‘वैम्प’ एक्ट्रेसेज में वह अलग थीं।

मनोरमा ने अपनी फिल्मी करियर को बाल कलाकार के रूप में शुरू किया, और फिर ‘सीता और गीता’, ‘एक फूल दो माली’, ‘दो कलियां’, ‘कारवां’ जैसी महत्वपूर्ण फिल्मों में भूमिकाएं निभाई। उन्हें ‘वैम्प’ और ‘लेडी विलन’ के रूप में भी जाना जाता था। उनकी अद्वितीय एक्टिंग के कारण उन्हें हिंदी सिनेमा की मशहूर वैम्प माना जाता है।

मनोरमा का असली नाम एरिन इस्साक था। उनके माता-पिता दोनों ही संगीत प्रेमी थे, और उन्होंने भी संगीत और नृत्य में रूचि रखी थी। इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करते हुए, मनोरमा ने एक अद्वितीय करियर की शुरुआत की।

राजन हक्सर के साथ शादी के बाद, उन्होंने अपने करियर को जारी रखा, और टीवी सीरियल्स जैसे ‘दस्ताक’ और ‘कुटुंब’ में भी काम किया। उनकी आखिरी फिल्म ‘वॉटर’ (2005) थी, जिसमें उन्होंने मधुमती का किरदार निभाया था। उन्हें 2007 में स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, और 2008 में उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने 150 से अधिक फिल्मों में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का परिचय दिया।

मनोरमा का जीवन उनकी शादी, फिल्मों में काम और अंतिम दिनों के बीच बहुत सारी मुश्किलों से भरा रहा। उन्होंने बॉलीवुड के साथ ही टीवी सीरियल्स में भी काम किया। उनकी आखिरी फिल्म ‘वॉटर’ ने उन्हें अंतिम सम्मान दिया था।

मनोरमा जी बॉलीवुड की एक अद्वितीय कलाकार थीं। उन्होंने ‘सीता और गीता’ जैसी फिल्मों में अपने चेहरे की एक्सप्रेशन के जरिए दर्शकों को अपनी अलग पहचान दी। उनका नाम पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था, लेकिन उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी अहम जगह बनाई। उन्होंने अपने करियर के दौरान विभिन्न रोल्स में चमकाई।

मनोरमा के जीवन के इस कठिन सफर में कई अद्भुत किरदारों का खंडन है। उनकी कहानी बॉलीवुड की दुनिया में एक अलग महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. मनोरमा का जन्म कहाँ हुआ था? Manorama का जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था।
  2. उनकी पहली फिल्म कौन सी थी? Manorama की पहली फिल्म ‘खजांची’ (1941) थी।
  3. उनका अंतिम फिल्म का नाम क्या था? Manorama की अंतिम फिल्म ‘वॉटर’ (2005) थी।
  4. मनोरमा के बारे में अधिक जानकारी कहाँ मिलेगी? Manorama के बारे में अधिक जानकारी उनकी जीवनी और बॉलीवुड के इतिहास से जुड़ी पुस्तकों में मिलेगी।
  5. उनके कितने बच्चे थे और उनकी परिवारिक स्थिति क्या थी? Manorama की एक बेटी थी जिसका नाम रीता हक्सर था। उनका पति भी एक अभिनेता थे।

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