Aurangabad Loksabha Chunav 2024 ,औरंगाबाद, बिहार की राजधानी पटना से 140 किमी दूर, मगध संस्कृति के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। राजपूत बहुलता के चलते इसे बिहार का चित्तौड़गढ़ कहा जाता है।

Aurangabad Loksabha Chunav 2024 : मगध संस्कृति के केंद्र में मौर्य, शेरशाह और मुगल शासन का प्रभाव! , किसकी होगी जीत
Aurangabad Loksabha Chunav 2024 : मगध संस्कृति के केंद्र में मौर्य, शेरशाह और मुगल शासन का प्रभाव! , किसकी होगी जीत

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. औरंगाबाद: ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व का केंद्र
  2. बिहार का चित्तौड़गढ़: जहां राजपूतों का राज कायम है!
  3. मुगल बादशाह के नाम पर औरंगाबाद के इतिहास में अफगान संस्कृति का प्रभाव!

औरंगाबाद (Aurangabad) बिहार राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक प्रमुख जिला है। यह जीटी रोड के किनारे बसा है और मगध संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। इस शहर का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था और यह राजधानी पटना से 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां की मुख्य भाषा मगही है। औरंगाबाद देव सूर्य मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है।

राजपूत(Rajputs) बहुलता के चलते औरंगाबाद को “बिहार का चित्तौड़गढ़” कहा जाता है। 1952 से 2014 तक हुए चुनावों में इस क्षेत्र से केवल राजपूत उम्मीदवार ही विजयी रहे हैं। यहां के राजनीतिक प्रभाव की शुरुआत बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह के समय से हुई है। उनके परिवार का इस क्षेत्र में दबदबा माना जाता है।

औरंगाबाद ऐतिहासिक रूप से महान मगध साम्राज्य (Magadh culture) का केंद्र रहा है। बिम्बिसार, अजातशत्रु, चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे शासकों ने यहां शासन किया। मध्यकाल में शेरशाह सूरी के समय में इस इलाके का सामरिक महत्व पुनः स्थापित हुआ। मुगल शासन के दौरान अफगान शासक टोडरमल के प्रभाव से अफगान संस्कृति का भी प्रभाव देखा गया।

यह क्षेत्र उर्वर भूमि के लिए जाना जाता है, जहां कई नदियों के पानी से सिंचाई की जाती है। यहाँ धान और गेहूँ प्रमुख रूप से उगाए जाते हैं। औरंगाबाद की कुल आबादी लगभग 25 लाख है, जिसमें औसत साक्षरता दर 70.32% है।

औरंगाबाद लोकसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,376,323 है जिसमें पुरुष मतदाता 738,617 और महिला मतदाता 637,706 हैं। इस क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं: कुटुम्बा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, इमामगंज, और टिकारी। इनमें से दो सीटें कुटुम्बा और इमामगंज आरक्षित हैं।

2019 के चुनाव में बीजेपी के सुशील कुमार सिंह ने 4,31,541 वोटों से जीत हासिल की थी, जबकि उनके प्रतिद्वंदी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एस) के उपेंद्र प्रसाद को 4,28,934 वोट मिले। 2014 के चुनाव में भी सुशील कुमार सिंह ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी।

नाम पार्टी वोट विजेता पार्टी का वोट % जीत अंतर %
सुशील कुमार सिंह BJP 427721 45.8% 7.6%

अन्य उम्मीदवार

नाम पार्टी वोट
उपेंद्र प्रसाद HAMS 357169
नरेश यादव BSP 33772
धीरेंद्र कुमार सिंह IND 24832
NOTA NOTA 22424
डॉ. धर्मेंद्र कुमार AHFBK 16589
संतोष कुमार सिन्हा IND 15014
अविनाश कुमार PPID 13680
जगन बाबुराव साल्वे IND 11987
सोम प्रकाश SPL 11713

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. औरंगाबाद बिहार में कहां स्थित है? औरंगाबाद बिहार की राजधानी पटना से 140 किलोमीटर दूर स्थित है।
  2. यह इलाका किस चीज के लिए प्रसिद्ध है? यह देव सूर्य मंदिर और मगध संस्कृति के केंद्र के लिए प्रसिद्ध है।
  3. कौन से राजपूत नेताओं का दबदबा रहा है? बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह औरंगाबाद से आए थे।
  4. कितनी विधानसभा सीटें औरंगाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत आती हैं? औरंगाबाद लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं।
  5. 2019 के चुनाव में किसने जीत हासिल की? 2019 के चुनाव में बीजेपी के सुशील कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी।

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