अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani), भारत की पहली साउंड फिल्म आलम आरा के निर्माता, ने भारतीय सिनेमा में क्रांति ला दी। 1931 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने भारतीय फिल्म उद्योग को हमेशा के लिए बदल दिया और इसे एक नए युग में प्रवेश कराया। ईरानी का योगदान आज भी सिनेमा के लिए प्रेरणादायक है।

अर्देशिर ईरानी (ardeshir irani) भारत की पहली साउंड फिल्म आलम आरा के दूरदर्शी निर्माता
अर्देशिर ईरानी (ardeshir irani) भारत की पहली साउंड फिल्म आलम आरा के दूरदर्शी निर्माता

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. अर्देशिर ईरानी: भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ के जनक
  2. कैसे अर्देशिर ईरानी ने ‘आलम आरा’ के साथ भारतीय सिनेमा में क्रांति ला दी!
  3. अर्देशिर ईरानी का संघर्ष: ‘आलम आरा’ की रिलीज़ के पीछे की अनकही कहानी

आज,हम प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) को याद करते हैं, भारतीय सिनेमा के ‘टॉकी’ युग के जनक माने जाने वाले ईरानी का योगदान भारतीय सिनेमा और संस्कृति में अमूल्य है। उनकी अद्वितीय कृति आलम आरा, जो 1931 में रिलीज़ हुई थी, भारत की पहली साउंड और म्यूजिकल फिल्म थी। इसने भारतीय सिनेमा को हमेशा के लिए बदल दिया।

अर्देशिर ईरानी का प्रारंभिक जीवन और करियर

अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) का जन्म 5 दिसंबर 1886 को एक पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक स्कूल शिक्षक के रूप में की और बाद में मिट्टी के तेल निरीक्षक का काम किया। हालांकि, उनकी रचनात्मकता ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स तक पहुँचाया। बाद में, वे अपने पिता के व्यवसाय में शामिल हो गए, जो ग्रामोफोन और संगीत उपकरणों का कारोबार करते थे। यहीं से उनकी सिनेमा की दुनिया में दिलचस्पी शुरू हुई।

ईरानी ने बिजनेसमैन अब्दुल अली यूसुफ अली के साथ मिलकर टेंट सिनेमा की स्थापना की, जहाँ फिल्मों को अस्थायी थिएटरों में दिखाया जाता था। उस समय स्थायी सिनेमाघर बहुत कम थे, इसलिए फिल्में अक्सर तंबुओं में दिखाई जाती थीं। इस प्रयास में उनकी सफलता ने उन्हें यूनिवर्सल स्टूडियोज के भारतीय प्रतिनिधि के रूप में चुने जाने का मार्ग प्रशस्त किया। 1920 तक, उन्होंने फिल्म निर्माता भगीलाल दवे के साथ मिलकर स्टार फिल्म्स लिमिटेड नामक अपना पहला प्रोडक्शन हाउस स्थापित किया।

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आलम आरा का निर्माण: सिनेमा की एक क्रांतिकारी घटना

अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) का सपना था कि वह भारत की पहली बोलती फिल्म बनाए। उनका यह सपना अमेरिकी फिल्म शो बोट से प्रेरित था, जिसमें 40% साउंड था। 1930 में जब उन्होंने मुंबई के एक्सेलसियर सिनेमा में यह फिल्म देखी, तो उन्होंने निर्णय लिया कि वह भारत में भी ऐसी ही फिल्म बनाएंगे। इसी के साथ आलम आरा की यात्रा शुरू हुई, जिसे इंपीरियल फिल्म्स के बैनर तले बनाया गया।

आलम आरा का निर्माण आसान नहीं था, खासकर उस समय जब मूक फिल्में भारतीय सिनेमा पर हावी थीं। यह भारत की पहली म्यूजिकल फिल्म थी, जिसमें सात गाने थे। फिल्म का पहला गाना “दे दे खुदा के नाम पे” था, जिसे वज़ीर मोहम्मद खान ने गाया और उसमें अभिनय भी किया। संयोगवश, आज 14 अक्टूबर को वज़ीर मोहम्मद खान का भी देहांत हुआ था, जो इस दिन की ऐतिहासिकता को और गहरा बनाता है।

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आलम आरा के निर्माण में आई चुनौतियाँ

साउंड फिल्म बनाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी, खासकर इंपीरियल फिल्म स्टूडियो के पास से गुजरने वाली रेल की पटरियों के कारण। इन पटरियों से आने वाली आवाज़ों को कम करने के लिए ईरानी ने रात 1 बजे से 3 बजे के बीच शूटिंग करने का निर्णय लिया, जब ट्रेनें कम चलती थीं। यह शेड्यूल फिल्म के निर्माण को धीमा कर रहा था, लेकिन ईरानी ने हार नहीं मानी।

जब आलम आरा को मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा में रिलीज़ किया गया, तो दर्शकों में इसका जबरदस्त क्रेज था। सिनेमाघरों के बाहर लंबी लाइनें लग गईं और टिकट कई हफ्तों पहले ही बिक चुके थे। इस फिल्म ने उस समय 29 लाख रुपये की भारी कमाई की थी, जो उस दौर के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) की विरासत और आगे की यात्रा

आलम आरा के बाद ईरानी ने द लॉर गर्ल (1934) बनाई, जो पहली फारसी बोलती फिल्म थी। यह फिल्म भी बेहद सफल रही और ईरानी को अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में भी पहचान मिली। उनके वैश्विक योगदान ने भारतीय सिनेमा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का काम किया।

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अर्देशिर ईरानी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए

14 अक्टूबर 1969 को 82 वर्ष की उम्र में अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) का निधन हो गया। उनके द्वारा लाई गई सिनेमा की क्रांति और उनकी कड़ी मेहनत आज भी दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को प्रेरित करती है। भारतीय सिनेमा की नींव को उन्होंने अपने अनोखे प्रयासों से मजबूत किया और उनके बिना भारतीय सिनेमा शायद इतना सशक्त और विविधता से भरा नहीं होता।

उनके योगदान को याद करते हुए यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि उन्होंने आधुनिक भारतीय सिनेमा की दिशा तय की। उनकी यह विरासत सिनेमा के इतिहास में हमेशा अमर रहेगी।

पूछे जाने वाले प्रश्न

1.अर्देशिर ईरानी कौन थे?
अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) भारतीय सिनेमा के एक महान फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा बनाई।

2.आलम आरा क्या थी?
आलम आरा 1931 में रिलीज़ हुई भारत की पहली साउंड फिल्म थी, जिसने भारतीय सिनेमा में एक नए युग की शुरुआत की।

3.अर्देशिर ईरानी को आलम आरा बनाने का विचार कैसे आया?
ईरानी को अमेरिकी फिल्म शो बोट देखने के बाद भारत में पहली बोलती फिल्म बनाने की प्रेरणा मिली।

4.आलम आरा के निर्माण के दौरान ईरानी को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
फिल्म की शूटिंग के दौरान रेलवे पटरियों की आवाज़ों से बचने के लिए उन्हें रात 1 बजे से 3 बजे के बीच शूटिंग करनी पड़ती थी।

5.अर्देशिर ईरानी की विरासत क्या है?
अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) ने भारतीय सिनेमा को साउंड फिल्मों से परिचित कराया और फारसी फिल्मों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी फिल्म आलम आरा ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी।

भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग के बारे में और जानें और देखें कि अर्देशिर ईरानी (Ardeshir Irani) की विरासत ने आज के फिल्म उद्योग को कैसे प्रभावित किया। हमारे ब्लॉग पर जाएं और सिनेमा के इतिहास में गहराई से जानें।

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