क्या आप जानते हैं 'पिंक मून' का रहस्य?
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हिन्दू धर्म में चैत्र पूर्णिमा का महत्व, इस बार 23 अप्रैल को होगी।
चैत्र पूर्णिमा को इस बार 'पिंक मून' कहा जाएगा।
चांद की इस अद्भुत स्थिति को 'पिंक मून' कहा जाता है।
'पिंक मून' का नाम पूर्वी अमेरिका के पौधे 'हर्ब मॉस पिंक' से आता है।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा की गतिविधियों को महत्वपूर्ण माना जाता है।
'पिंक मून' देखने का समय वह होता है जब चांद धरती के बहुत करीब होता है और पूर्णिमा होती है।
चांद कई बार लाल या नारंगी रंग में भी दिख सकता है, जिसे 'ब्लड मून' कहा जाता है।
चांद से आनी वाली सफेद रोशनी में से नीली रोशनी बिखर जाती है और यह पीला या नारंगी दिखता है।
प्रदूषण के कारण चांद का रंग पीला या नारंगी भी हो सकता है।
'पिंक मून' को देखने के लिए लोगों को चैत्र पूर्णिमा की रात को चांद को देखने की सलाह दी जाती है।
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