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Shri Mahakaleshwer Jyotirling-आज की भस्म आरती श्रृंगार दर्शन

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श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग -आज का भस्म आरती श्रृंगार दर्शन

22 फरवरी 2024 ( गुरुवार )

Shri Mahakaleshwer Jyotirling-आज का भस्म आरती श्रृंगार दर्शन

आज के दिन श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती का श्रृंगार दर्शन है। इस अद्वितीय क्षण में भक्तजन शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण का अभिवादन करते हैं।

भस्म आरती के इस पवित्र समय में, भक्तजन ज्योतिर्लिंग के श्रीमुख से निकली हुई धूप की खुशबू को समर्पित करते हैं और शिव के नाम से हृदय को शुद्ध करते हैं। यह भस्म आरती का दर्शन एक आनंदमय और शांतिपूर्ण अनुभव होता है, जो भगवान शिव की कृपा से ही संभव होता है। इस महाकालेश्वर भस्म आरती के दर्शन से हम अपने जीवन को उनके आद्यात्मिक आलोक में लेकर अधिक उज्जवल और सकारात्मक बनाते हैं।

Shri Mahakaleshwer Jyotirling- लाइव दर्शन के लिए यह पर देखे 

 

Courtesy-Shri Mahakaleshwar Mandir Prabandha Samitee -Official Channel

 

जय श्री महाकाल..!!

Shri Mahakaleshwer Jyotirling-जाने रोचक बाते 

  • उज्जैन एकमात्र स्थान है जहाँ शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुम्भ महापर्व का भी आयोजन किया जाता है ।
  • यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है-“महाँकाल, कालभैरव, गढ़कालिका और अर्धकाल भैरव।”
  • यहाँ तीन गणेश विराजमान है।-“चिंतामन, मंछामन, इच्छामन”
  • यहाँ 84 महादेव है, यही सात सागर है।।
  • “ये भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली है।।”
  • ये मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान है।।
  • “यही वो स्थान है जिसने महाकवि कालिदास दिए।”
  • उज्जैन विश्व का एक मात्र स्थान है जहाँ अष्ट चरिंजवियो का मंदिर है, यह वह ८ देवता है जिन्हें अमरता का वरदान है (बाबा गुमानदेव हनुमान अष्ट चरिंजीवि मंदिर)
  • “राजा विक्रमादित्य ने इस धरा का मान बढ़ाया।।”
  • विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी!!
  • “इसके शमशान को भी तीर्थ का स्थान प्राप्त है चक्र तीर्थ ।
  • और तो और पूरी दुनिया का केंद्र बिंदु है महाकाल जी का मंदिर
  • महाभारत की एक कथानुसार उज्जैन स्वर्ग है।।
  • यदि आप भी अवंतिका एवं कालों के काल महाकाल के प्रेमी व पुजारी हैं तो इस संदेश सभी शिव भक्तों तक पहुंचाए।

 

Shri Mahakaleshwer Jyotirling-।। श्री रुद्राष्टकम् सम्पूर्णम् ।।

अनुवाद हे मोक्षस्वरूप, विभु, ब्रह्म और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर व सबके स्वामी श्री शिव जी! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। निजस्वरूप में स्थित (अर्थात माया आदि से रहित), गुणों से रहित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन आकाशरूप एवं आकाश को ही वस्त्र रूप में धारण करने वाले दिगम्बर आपको भजता हूँ।॥१॥

निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय (तीनों गुणों से अतीत), वाणी, ज्ञान व इंद्रियों से परे, कैलासपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार के परे आप परमेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ।॥२॥

जो हिमाचल समान गौरवर्ण व गम्भीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है,जिनके सर पर सुंदर नदी गंगा जी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीय का चंद्रमा और गले में सर्प सुशोभित है।॥३॥

जिनके कानों में कुण्डल हिल रहे हैं, सुंदर भृकुटि व विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्नमुख, नीलकंठ व दयालु हैं, सिंहचर्म धारण किये व मुंडमाल पहने हैं, उनके सबके प्यारे, उन सब के नाथ श्री शंकर को मैं भजता हूँ।॥४॥

प्रचण्ड (रुद्र रूप), श्रेष्ठ, तेजस्वी, परमेश्वर, अखण्ड, अजन्मा, करोड़ों सूर्यों के समान प्रकाश वाले, तीनों प्रकार के शूलों (दु:खों) को निर्मूल करने वाले, हाथ में त्रिशूल धारण किये, प्रेम के द्वारा प्राप्त होने वाले भवानी के पति श्री शंकर को मैं भजता हूँ।॥५॥

कलाओं से परे, कल्याणस्वरूप, कल्प का अंत(प्रलय) करने वाले, सज्जनों को सदा आनन्द देने वाले, त्रिपुर के शत्रु सच्चिनानंदमन, मोह को हरने वाले, प्रसन्न हों, प्रसन्न हों।॥६॥

हे पार्वती के पति, जबतक मनुष्य आपके चरण कमलों को नहीं भजते, तब तक उन्हें न तो इसलोक में न परलोक में सुख शान्ति मिलती है और न ही तापों का नाश होता है। अत: हे समस्त जीवों के अंदर (हृदय में) निवास करने वाले प्रभो, प्रसन्न होइये।॥७॥

मैं न तो जप जानता हूँ, न तप और न ही पूजा। हे प्रभो, मैं तो सदा सर्वदा आपको ही नमन करता हूँ। हे प्रभो, बुढ़ापा व जन्म [मृत्यु] दु:खों से जलाये हुए मुझ दुखी की दुखों से रक्षा करें। हे ईश्वर, मैं आपको नमस्कार करता हूँ।॥८॥

भगवान रुद्र का यह अष्टक भगवान शंकर जी की स्तुति के लिये है। जो मनुष्य इसे प्रेमस्वरूप पढ़ते हैं, श्रीशंकर उन से प्रसन्न होते हैं।

Shri Mahakaleshwer Jyotirling-पूछे जाने वाले प्रश्न

1.महाकाल भस्म आरती का टिकट कितने का है?

  • महाकाल भस्म आरती के टिकट की कीमत आमतौर पर मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित की जाती है। इसकी विवरण के लिए आपको स्थानीय मंदिर प्रशासन से संपर्क करना चाहिए।

2.मुझे भस्म आरती के टिकट कैसे मिल सकते हैं?

  • आप भस्म आरती के टिकट को स्थानीय मंदिर प्रशासन के काउंटर से या ऑनलाइन मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।

3.क्या हम बिना बुकिंग के भस्म आरती में शामिल हो सकते हैं?

  • कुछ मंदिरों में बिना बुकिंग के भस्म आरती में शामिल होने की सुविधा उपलब्ध हो सकती है, लेकिन कुछ मंदिरों में पूर्व-अनुमति के बिना यह संभव नहीं होता। आपको इसके लिए स्थानीय मंदिर प्रशासन से पूछना चाहिए।

4.महाकाल भस्म आरती में क्या पहनना चाहिए?

  • महाकाल भस्म आरती में साधारणतः शास्त्रों के अनुसार पूजन के लिए सादा और साफ कपड़े पहनना उपयुक्त माना जाता है। इसके अलावा, आपको आवश्यकता के अनुसार पूजा के सामग्री का भी साथ लेना चाहिए।

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