Shri Mahakaleshwer Jyotirling-आज का श्रृंगार और भस्म आरती दर्शन
29 फरवरी 2024
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Shri Mahakaleshwer Jyotirling-आज का श्रृंगार और भस्म आरती दर्शन
आज के दिन श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती का श्रृंगार दर्शन है। इस अद्वितीय क्षण में भक्तजन शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण का अभिवादन करते हैं।
भस्म आरती के इस पवित्र समय में, भक्तजन ज्योतिर्लिंग के श्रीमुख से निकली हुई धूप की खुशबू को समर्पित करते हैं और शिव के नाम से हृदय को शुद्ध करते हैं। यह भस्म आरती का दर्शन एक आनंदमय और शांतिपूर्ण अनुभव होता है, जो भगवान शिव की कृपा से ही संभव होता है। इस महाकालेश्वर भस्म आरती के दर्शन से हम अपने जीवन को उनके आद्यात्मिक आलोक में लेकर अधिक उज्जवल और सकारात्मक बनाते हैं।
Shri Mahakaleshwer Jyotirling- लाइव दर्शन के लिए यह पर देखे
Courtesy-Shri Mahakaleshwar Mandir Prabandha Samitee -Official Channel
भगवान शिव के 108 नाम
१- ॐ भोलेनाथ नमः
२-ॐ कैलाश पति नमः
३-ॐ भूतनाथ नमः
४-ॐ नंदराज नमः
५-ॐ नन्दी की सवारी नमः
६-ॐ ज्योतिलिंग नमः
७-ॐ महाकाल नमः
८-ॐ रुद्रनाथ नमः
९-ॐ भीमशंकर नमः
१०-ॐ नटराज नमः
११-ॐ प्रलेयन्कार नमः
१२-ॐ चंद्रमोली नमः
१३-ॐ डमरूधारी नमः
१४-ॐ चंद्रधारी नमः
१५-ॐ मलिकार्जुन नमः
१६-ॐ भीमेश्वर नमः
१७-ॐ विषधारी नमः
१८-ॐ बम भोले नमः
१९-ॐ ओंकार स्वामी नमः
२०-ॐ ओंकारेश्वर नमः
२१-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
२२-ॐ विश्वनाथ नमः
२३-ॐ अनादिदेव नमः
२४-ॐ उमापति नमः
२५-ॐ गोरापति नमः
२६-ॐ गणपिता नमः
२७-ॐ भोले बाबा नमः
२८-ॐ शिवजी नमः
२९-ॐ शम्भु नमः
३०-ॐ नीलकंठ नमः
३१-ॐ महाकालेश्वर नमः
३२-ॐ त्रिपुरारी नमः
३३-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
३४-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
३५-ॐ बर्फानी बाबा नमः
३६-ॐ जगतपिता नमः
३७-ॐ मृत्युन्जन नमः
३८-ॐ नागधारी नमः
३९- ॐ रामेश्वर नमः
४०-ॐ लंकेश्वर नमः
४१-ॐ अमरनाथ नमः
४२-ॐ केदारनाथ नमः
४३-ॐ मंगलेश्वर नमः
४४-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
४५-ॐ नागार्जुन नमः
४६-ॐ जटाधारी नमः
४७-ॐ नीलेश्वर नमः
४८-ॐ गलसर्पमाला नमः
४९- ॐ दीनानाथ नमः
५०-ॐ सोमनाथ नमः
५१-ॐ जोगी नमः
५२-ॐ भंडारी बाबा नमः
५३-ॐ बमलेहरी नमः
५४-ॐ गोरीशंकर नमः
५५-ॐ शिवाकांत नमः
५६-ॐ महेश्वराए नमः
५७-ॐ महेश नमः
५८-ॐ ओलोकानाथ नमः
५४-ॐ आदिनाथ नमः
६०-ॐ देवदेवेश्वर नमः
६१-ॐ प्राणनाथ नमः
६२-ॐ शिवम् नमः
६३-ॐ महादानी नमः
६४-ॐ शिवदानी नमः
६५-ॐ संकटहारी नमः
६६-ॐ महेश्वर नमः
६७-ॐ रुंडमालाधारी नमः
६८-ॐ जगपालनकर्ता नमः
६९-ॐ पशुपति नमः
७०-ॐ संगमेश्वर नमः
७१-ॐ दक्षेश्वर नमः
७२-ॐ घ्रेनश्वर नमः
७३-ॐ मणिमहेश नमः
७४-ॐ अनादी नमः
७५-ॐ अमर नमः
७६-ॐ आशुतोष महाराज नमः
७७-ॐ विलवकेश्वर नमः
७८-ॐ अचलेश्वर नमः
७९-ॐ अभयंकर नमः
८०-ॐ पातालेश्वर नमः
८१-ॐ धूधेश्वर नमः
८२-ॐ सर्पधारी नमः
८३-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
८४-ॐ हठ योगी नमः
८५-ॐ विश्लेश्वर नमः
८६- ॐ नागाधिराज नमः
८७- ॐ सर्वेश्वर नमः
८८-ॐ उमाकांत नमः
८९-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
९०-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
९१-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
९२-ॐ महादेव नमः
९३-ॐ गढ़शंकर नमः
९४-ॐ मुक्तेश्वर नमः
९५-ॐ नटेषर नमः
९६-ॐ गिरजापति नमः
९७- ॐ भद्रेश्वर नमः
९८-ॐ त्रिपुनाशक नमः
९९-ॐ निर्जेश्वर नमः
१०० -ॐ किरातेश्वर नमः
१०१-ॐ जागेश्वर नमः
१०२-ॐ अबधूतपति नमः
१०३ -ॐ भीलपति नमः
१०४-ॐ जितनाथ नमः
१०५-ॐ वृषेश्वर नमः
१०६-ॐ भूतेश्वर नमः
१०७-ॐ बैजूनाथ नमः
१०८-ॐ नागेश्वर नमः
जय श्री महाकाल..!!
Shri Mahakaleshwer Jyotirling-जाने रोचक बाते
- उज्जैन एकमात्र स्थान है जहाँ शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुम्भ महापर्व का भी आयोजन किया जाता है ।
- यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है-“महाँकाल, कालभैरव, गढ़कालिका और अर्धकाल भैरव।”
- यहाँ तीन गणेश विराजमान है।-“चिंतामन, मंछामन, इच्छामन”
- यहाँ 84 महादेव है, यही सात सागर है।।
- “ये भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली है।।”
- ये मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान है।।
- “यही वो स्थान है जिसने महाकवि कालिदास दिए।”
- उज्जैन विश्व का एक मात्र स्थान है जहाँ अष्ट चरिंजवियो का मंदिर है, यह वह ८ देवता है जिन्हें अमरता का वरदान है (बाबा गुमानदेव हनुमान अष्ट चरिंजीवि मंदिर)
- “राजा विक्रमादित्य ने इस धरा का मान बढ़ाया।।”
- विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी!!
- “इसके शमशान को भी तीर्थ का स्थान प्राप्त है चक्र तीर्थ ।
- और तो और पूरी दुनिया का केंद्र बिंदु है महाकाल जी का मंदिर
- महाभारत की एक कथानुसार उज्जैन स्वर्ग है।।
- यदि आप भी अवंतिका एवं कालों के काल महाकाल के प्रेमी व पुजारी हैं तो इस संदेश सभी शिव भक्तों तक पहुंचाए।
Shri Mahakaleshwer Jyotirling-।। श्री रुद्राष्टकम् सम्पूर्णम् ।।
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्
निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागारसंसारपारं नतोहम्
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
न यावद् उमानाथपादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो
Shri Mahakaleshwer Jyotirling-।। श्री रुद्राष्टकम् सम्पूर्णम् ।।
रुद्राष्टक का अर्थ
हे भगवन ईशान को मेरा प्रणाम ऐसे भगवान जो कि निर्वाण रूप हैं जो कि महान ॐ के दाता हैं जो सम्पूर्ण ब्रह्माण में व्यापत हैं जो अपने आपको धारण किये हुए हैं जिनके सामने गुण अवगुण का कोई महत्व नहीं, जिनका कोई विकल्प नहीं, जो निष्पक्ष हैं जिनका आकार आकाश के समान हैं जिसे मापा नहीं जा सकता उनकी मैं उपासना करता हूँ |
जिनका कोई आकार नहीं, जो ॐ के मूल हैं, जिनका कोई राज्य नहीं, जो गिरी के वासी हैं, जो कि सभी ज्ञान, शब्द से परे हैं, जो कि कैलाश के स्वामी हैं, जिनका रूप भयावह हैं, जो कि काल के स्वामी हैं, जो उदार एवम् दयालु हैं, जो गुणों का खजाना हैं, जो पुरे संसार के परे हैं उनके सामने मैं नत मस्तक हूँ |
जो कि बर्फ के समान शील हैं, जिनका मुख सुंदर हैं, जो गौर रंग के हैं जो गहन चिंतन में हैं, जो सभी प्राणियों के मन में हैं, जिनका वैभव अपार हैं, जिनकी देह सुंदर हैं, जिनके मस्तक पर तेज हैं जिनकी जटाओ में लहलहारती गंगा हैं, जिनके चमकते हुए मस्तक पर चाँद हैं, और जिनके कंठ पर सर्प का वास हैं |
जिनके कानों में बालियाँ हैं, जिनकी सुन्दर भौंहें और बड़ी-बड़ी आँखे हैं जिनके चेहरे पर सुख का भाव हैं जिनके कंठ में विष का वास हैं जो दयालु हैं, जिनके वस्त्र शेर की खाल हैं, जिनके गले में मुंड की माला हैं ऐसे प्रिय शंकर पुरे संसार के नाथ हैं उनको मैं पूजता हूँ |
जो भयंकर हैं, जो परिपक्व साहसी हैं, जो श्रेष्ठ हैं अखंड है जो अजन्मे हैं जो सहस्त्र सूर्य के सामान प्रकाशवान हैं जिनके पास त्रिशूल हैं जिनका कोई मूल नहीं हैं जिनमे किसी भी मूल का नाश करने की शक्ति हैं ऐसे त्रिशूल धारी माँ भगवती के पति जो प्रेम से जीते जा सकते हैं उन्हें मैं वन्दन करता हूँ |
जो काल के बंधे नहीं हैं, जो कल्याणकारी हैं, जो विनाशक भी हैं,जो हमेशा आशीर्वाद देते है और धर्म का साथ देते हैं , जो अधर्मी का नाश करते हैं, जो चित्त का आनंद हैं, जो जूनून हैं जो मुझसे खुश रहे ऐसे भगवान जो कामदेव नाशी हैं उन्हें मेरा प्रणाम |
जो यथावत नहीं हैं, ऐसे उमा पति के चरणों में कमल वन्दन करता हैं ऐसे भगवान को पूरे लोक के नर नारी पूजते हैं, जो सुख हैं, शांति हैं, जो सारे दुखो का नाश करते हैं जो सभी जगह वास करते हैं |
मैं कुछ नहीं जानता, ना योग, न जप न ही पूजा, हे देव मैं आपके सामने अपना मस्तक हमेशा झुकाता हूँ, सभी संसारिक कष्टों, दुःख दर्द से मेरी रक्षा करे. मेरी बुढ़ापे के कष्टों से से रक्षा करें | मैं सदा ऐसे शिव शम्भु को प्रणाम करता हूँ |
Shri Mahakaleshwer Jyotirling-पूछे जाने वाले प्रश्न
- महाकाल दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग को 60 दिन पहले किया जा सकता है. इसके अलावा, आप दर्शन से दो दिन पहले भी टिकट बुक कर सकते हैं. एक व्यक्ति अपने खाते के माध्यम से 10 लोगों के लिए बुकिंग कर सकता है. ऑनलाइन बुकिंग के लिए श्रद्धालुओं को 200 रुपये देने होंगे.
- महाकालेश्वर में वीआईपी दर्शन की लागत रु। 250 . वीआईपी दर्शन के लिए टिकट बुक करने के लिए, आप महाकालेश्वर ऑनलाइन वेबसाइट पर जा सकते हैं, वांछित तिथि चुन सकते हैं और दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं।
- हाँ भस्म आरती की बुकिंग अनिवार्य है । और आसान पंजीकरण और परेशानी मुक्त प्रवेश के लिए आपको इसे उज्जैन पहुंचने से 2-3 दिन पहले बुक करना होगा। यदि आप किसी सार्वजनिक या राष्ट्रीय अवकाश या किसी सोमवार को बुकिंग करना चाहते हैं तो आपको कम से कम 2 महीने पहले बुकिंग करनी चाहिए।
- महाकाल मंदिर में 22 अप्रेल से 750 रुपए वाला गर्भगृह दर्शन टिकट ऑनलाइन बुक हो सकेगा। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट श्रीमहाकालेश्वर डॉट कॉम (www.shrimahakaleshwar.com) पर जाकर टिकट बुक किया जा सकता है। दो लोगों के लिए 1500 रुपए में बुकिंग होगी।
- भगवान महाकाल आधी रात को भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंचते हैं। भव्य पूजा 2 घंटे तक चलती है।
- मान्यताएं:महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भस्म चढ़ाने की परंपरा, भस्म को माना जाता है सृष्टि का सार, इसलिए शिवजी को प्रिय है भस्म सावन माह में शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का विशेष महत्व है। सभी ज्योतिर्लिंगों की अलग-अलग खास विशेषताएं हैं।
- अब 100 रुपये शुल्क के साथ अगले दिन से बस रवाना होंगी. वहीं बस सुबह 10.30 बजे और दोपहर 12.30 बजे मिलेगी. नानाखेड़ा बस स्टैंड से सुबह 7 बजे और सुबह 9 बजे बस मिलेगी. यात्रियों के टिकट बुक करने के लिए महाकाल लोक वेबसाइट पर लिंक दिया गया है
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