New Tax Regime, टैक्सपेयर्स के पास नई और पुरानी इनकम टैक्स रीजीम का चुनाव करने का विकल्प है। विशेषज्ञों का कहना है कि कौन सी रीजीम आपके लिए सही है, यह आपकी इनकम और टैक्स सेविंग्स पर निर्भर करता है।

New Tax Regime क्या यह आपकी जेब के लिए फायदेमंद है? पुरानी इनकम टैक्स रीजीम से बचें, जानिए इसके नुकसान और फायदों का सच!
New Tax Regime क्या यह आपकी जेब के लिए फायदेमंद है? पुरानी इनकम टैक्स रीजीम से बचें, जानिए इसके नुकसान और फायदों का सच!

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. इनकम टैक्स की पुरानी और नई रीजीम में से किसका करें इस्तेमाल? जानिए एक्सपर्ट्स के जवाब
  2. इनकम टैक्स रीजीम में बड़ा बदलाव! क्या आप नई रीजीम से लाखों बचा सकते हैं?
  3. नई टैक्स रीजीम: सरकार का चाल या जनता के फायदे का सौदा?

Income Tax पेयर्स के सामने अब एक नया विकल्प है – पुरानी और नई टैक्स रीजीम में से चुनने का। सरकार ने नई रीजीम में कई बड़े बदलाव किए हैं, जिससे इसे अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश की है। लेकिन, सवाल यह है कि कौन सी रीजीम आपके लिए सही है? यह फैसला आपकी इनकम, डिडक्शन और टैक्स सेविंग्स पर निर्भर करेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि नई और पुरानी टैक्स रीजीम के फायदे-नुकसान को समझना बहुत जरूरी है। 2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रीजीम में कुछ बड़े बदलाव किए थे। बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट को 50,000 रुपये बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है और सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट को भी बढ़ा दिया गया है। इससे नई रीजीम में सालाना 7 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसका मकसद टैक्स कैलकुलेशन को सरल बनाना है।

जो लोग टैक्स सेविंग्स नहीं करते हैं या कम करते हैं, उनके लिए नई रीजीम फायदेमंद हो सकती है। क्योंकि इसमें टैक्स रेट पुराने की तुलना में कम है। दूसरी ओर, जो लोग टैक्स सेविंग्स और निवेश पर ध्यान देते हैं, उनके लिए पुरानी रीजीम ज्यादा लाभदायक हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आपकी संभावित इनकम, डिडक्शन और उपलब्ध एग्जेम्प्शन के आधार पर सही रीजीम का चुनाव करना चाहिए।

कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी कर दिए हैं, जिससे सैलरीड टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। कई टैक्सपेयर्स ने पहले ही ITR फाइल कर दिया है। रिटर्न फाइल करते समय टैक्सपेयर्स को नई और पुरानी स्कीम में से एक को चुनना जरूरी है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि जिनकी सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है, उनके लिए नई रीजीम फायदेमंद हो सकती है क्योंकि उनकी टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। लेकिन, यदि आपने टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया है तो पुरानी टैक्स रीजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है क्योंकि इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी घट जाती है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. नई और पुरानी टैक्स रीजीम में क्या अंतर है? नई रीजीम में टैक्स रेट कम हैं लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन और एग्जेम्प्शन कम मिलते हैं, जबकि पुरानी रीजीम में टैक्स डिडक्शन और एग्जेम्प्शन अधिक मिलते हैं।
  2. नई टैक्स रीजीम का मुख्य लाभ क्या है? नई टैक्स रीजीम का मुख्य लाभ यह है कि इसमें टैक्स रेट पुराने की तुलना में कम हैं और टैक्स कैलकुलेशन सरल है।
  3. पुरानी टैक्स रीजीम किसके लिए फायदेमंद है? पुरानी टैक्स रीजीम उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो टैक्स सेविंग्स और निवेश करते हैं, क्योंकि इसमें अधिक टैक्स डिडक्शन और एग्जेम्प्शन मिलते हैं।
  4. नई टैक्स रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट क्या है? नई टैक्स रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है।
  5. क्या 7 लाख रुपये तक की इनकम वालों के लिए नई रीजीम बेहतर है? हाँ, जिनकी सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है, उनके लिए नई रीजीम बेहतर हो सकती है क्योंकि उनकी टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है।

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