CM Dr. Mohan Yadav ने अवतरण दिवस पर कैंसिल किए सारे कार्यक्रम, घायलों के बीच बिताया दिन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जन्मदिन पर एक अनुप्राणित दिन बिताते हुए, महाकाल मंदिर में हुई आग के बाद सभी कार्यक्रम कैंसिल कर घायलों के साथ समय बिताया उनकी देखरेख में लगे रहे।

CM Dr. Mohan Yadav ने अवतरण दिवस पर कैंसिल किए सारे कार्यक्रम, घायलों के बीच बिताया दिन
CM Dr. Mohan Yadav ने अवतरण दिवस पर कैंसिल किए सारे कार्यक्रम, घायलों के बीच बिताया दिन

इस खबर की महत्वपूर्ण बातें

  1. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव के जन्मदिन पर कार्यक्रमों का रद्द, हादसे के बीच गुजारा दिन
  2. महाकाल मंदिर में आग, सीएम मोहन यादव ने बाबा के दर्शन किए साथ ही घटना स्थल का निरीक्षण किया
  3. महाकाल मंदिर हादसे के बारे में सीएम का बड़ा बयान जांच के आदेश दिए 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, डॉ. मोहन यादव, के 25 मार्च को 59वें जन्मदिन के अवसर पर अप्रत्याशित घटनाओं के बीच एक अनोखा दिन बिता। उन्होंने जन्मदिन के समारोहों को छोड़कर महाकाल मंदिर में हुई आग में घायलों की सेवा करते हुए अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया।

आग के हादसे में, जो कि सुबह भस्म आरती के बाद महाकाल मंदिर के गर्भगृह में उत्पन्न हुई, 14 लोगों को घायल कर दिया गया। इसमें से 9 लोगों को इंदौर भेजा गया है जहां उन्हें उपचार की व्यवस्था की जा रही है। यादव ने इस हादसे की स्थिति को देखते हुए अपने सभी अनियत कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और एक ओर घायलों का हालचाल जानने के लिए तत्पर रहे, वहीं दूसरी ओर हादसे की न्यायिक जांच के आदेश भी जारी किए।

डॉ. यादव ने तत्काल इंदौर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और महाकाल मंदिर में रंगों के उत्सव की परंपरा को साझा किया। इस हादसे की जानकारी के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेता हादसे की जांच के लिए जांच समिति का गठन करने के आर्देश दिए। इस जांच समिति की निर्देशिता में ही इस हादसे की पूरी जानकारी सामने आएगी।

 

उन्होंने कहा कि भविष्य में जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार ही महाकालेश्वर मंदिर के लिए उपाय किए जाएंगे। उज्जैन में चिकित्सा सुविधा की कमी को देखते हुए, वे बताए कि घायलों को इंदौर भेज दिया गया है, जहां उनका उपचार होगा। सीएम मोहन यादव के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट ने भी घायलों का हालचाल जाना। हादसे में 30 से 40% लोग जले हैं।

उन्होंने कहा कि हादसे की कई वजहें हो सकती हैं, जैसे कि मंदिर में गुलाल डालना और कपूर का प्रयोग। मंदिर में चांदी की परत वाली दीवार पर कपड़े भी होते हैं, जो अगर जल जाएं तो आग बढ़ सकती है। उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच की जिम्मेदारी को कलेक्टर को सौंप दी है।

सीएम मोहन यादव के साथ कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट भी थे। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मामले पर चर्चा की है। स्थिति नियंत्रण में है। इंदौर में मरीज 24 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे। गुलाल की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इसके बाद ही होली का उत्सव आयोजित किया जाएगा।

पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. आग लगने की वजह क्या थी? उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के समय आग लगने की वजह अब तक स्पष्ट नहीं है। अधिकारियों द्वारा इसकी जांच जारी है।
  2. हादसे में कितने लोग घायल हुए थे? इस हादसे में 14 लोगों को चोटें आईं थीं, जिनमें पांच पुजारी भी शामिल हैं।
  3. क्या सुरक्षा का प्रोटोकॉल पालन किया गया था? समारोह के समय सुरक्षा के प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, लेकिन इस हादसे के प्रकोप की वजह से सुरक्षा की कमी हो सकती है।
  4. सरकारी निकायों ने किस प्रकार की कार्रवाई की है? सरकारी निकायों ने इस हादसे की जांच के लिए अपनी दलीलों के साथ सख्ती से काम किया है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का वादा किया है।
  5. इस हादसे के बाद क्या सुरक्षा के बारे में नए कदम उठाए जाएंगे? हां, उज्जैन मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों में सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के लिए सरकारी निकायों द्वारा नए कदम उठाए जाएंगे।

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